नवरात्रि के दूसरे दिन में माँ ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की पूजा:
(Navratri puja) नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो नौ रातों और दस दिनों तक चलता है। सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध नवरात्रि चैत्र और शरद नवरात्रि के रूप में होते हैं। यह त्योहार देवी दुर्गा की पूजा के लिए विशेष रूप से मनाया जाता है और इसके दौरान नौ दिनों तक देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसके पहले और आखिरी दिनों पर देवी दुर्गा के एक रूप की पूजा की जाती है, जबकि अन्य सप्ताह के दिनों में उनके विभिन्न अवतारों की पूजा की जाती है।नवरात्रि के दौरान, लोग माँ दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति का प्रदर्शन करते हैं और विभिन्न पूजा और व्रतों का पालन करते हैं।
नवरात्रि (Navratri puja) का त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। कुछ लोग नवरात्रि (Navratri puja) के दौरान व्रत रखते हैं, और कुछ लोग देवी दुर्गा के मंदिरों में जाते हैं और उनकी पूजा करते हैं। नवरात्रि के दौरान कई तरह के धार्मिक आयोजन भी होते हैं, जैसे कि भजन-कीर्तन, नृत्य, और नाटक।
नवरात्रि के नौ रूप हैं:
शैलपुत्री: पर्वतराज हिमालय की पुत्री
ब्रह्मचारिणी: तपस्या का आचरण करने वाली
चंद्रघंटा: अपने मस्तक पर चंद्रमा धारण करने वाली
कुष्मांडा: सृष्टि की रचयिता
स्कंदमाता: देवसेनापति कुमार की माता
कात्यायनी: महर्षि कात्यायन की पुत्री
कालरात्रि: राक्षसों की संहारक
महागौरी: श्वेत वर्ण वाली देवी
सिद्धिदात्री: सभी सिद्धियों को देने वाली देवी
प्रत्येक रूप की अपनी अलग-अलग विशेषताएं और शक्तियां हैं। नवरात्रि के दौरान, भक्त देवी दुर्गा के इन नौ रूपों की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
आइये जानते हैं Maa Brahmacharini के बारे में, जिनकी पूजा अर्चना नवरात्रि के दूसरे दिन में की जाती है |
मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini)
नवरात्रि के दूसरे दिन, देवी दुर्गा के दूसरे रूप, मां ब्रह्मचारिणी Maa Brahmacharini की पूजा की जाती है। वे सफेद वस्त्र पहने हुए हैं, जो उनकी पवित्रता और तपस्या का प्रतीक हैं। उन्हें ब्रह्मचर्य का पालन करने वाली कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि वे अपने जीवन में पूर्ण समर्पण के साथ साधना में लगी हैं। उनके दाहिने हाथ में जप की माला है, जो उनकी प्रार्थना और ध्यान का प्रतीक है, और उनके बाएं हाथ में कमंडल है, जो उनकी तपस्या और साधना के लिए आवश्यक पानी का प्रतीक है। मां ब्रह्मचारिणी तप और साधना की शक्ति का प्रतीक हैं, जो हमें अपने जीवन में लक्ष्यों को प्राप्त करने और जीवन में सफल होने में मदद करती है।
कथा के अनुसार, वे राजा हिमालय और देवी मैना की पुत्री थीं। उन्होंने नारद मुनि के सुझाव पर भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की। उन्होंने हजारों वर्षों तक केवल फल-फूल और सब्जियों का सेवन करते हुए तपस्या की। उनके इस समर्पण ने भगवान शिव को प्रसन्न किया, जिन्होंने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
मां ब्रह्मचारिणी Maa Brahmacharini की पूजा करने से हम अपने मन और इंद्रियों पर नियंत्रण रख पाते है ,हमें ज्ञान प्राप्त होता है, हम तपस्या करने में सक्षम होते हैं, और उत्तम आचरण करते हैं। मां अपने अनुयायियों अर्थात भक्तो को सभी तरह की सिद्धियों की प्राप्ति में सहायता देती हैं।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि (Navratri puja) के दूसरे दिन की जाती है। मां को ज्ञान और तप की देवी कहा जाता है। मां की पूजा करने से ज्ञान, तप, संयम और सदाचार की प्राप्ति होती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा को ध्यानपूर्वक और भक्ति भाव से करने के लिए निम्नलिखित पूजा विधि का पालन कर सकते हैं:
सामग्री:
पूजा के लिए मां मूर्ति या चित्र
पूजा के लिए साफ स्थान
पूजा के लिए फूल, चंदन, रोली, चावल, अक्षत, कुमकुम, पान, सुपारी, दक्षिणा, नैवेद्य (फल, मिष्ठान, दूध, घी, चीनी)
धूप और दीपक के सामग्री
पूजा के लिए कलश
ब्रह्मचर्य सूक्त (यदि संभव हो) —- “या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।“
पूजा विधि:
मां की पूजा का आरंभ करने से पहले उनके आदर्शों को ध्यान में रखें और उनके (Maa Brahmacharini mantra) मंत्र का उच्चारण करे |
- पूजा स्थल को साफ-सुथरा करें और मां की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
- मां की मूर्ति के सामने एक कलश में पानी डालें और उसमें कुमकुम और अक्षत डालें। इस कलश को सजाकर एक पत्ता बंध दें। इसे पूजा स्थल पर रखें।
- मां की मूर्ति को चंदन के तिलक से सजाएं।
- अब मां को पुष्प, दूप, दीपक, नैवेद्य, और फल मिलाकर पूजा करें।
- पूजा के दौरान, ब्रह्मचर्य सूक्त का पाठ कर सकते हैं, यदि आपको यह मंत्र पता है।
- भक्ति भाव से मां की पूजा करें और उनसे अपनी मनोकामनाएँ मांगें।
- अंत में, अर्चना का प्रसाद ब्रह्मचारणी को समर्पित करें और उसके बाद उसे ग्रहण करें।
- (Navratri puja) पूजा करते समय मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों (Maa Brahmacharini mantra) का जाप करें। मां के मंत्र (Maa Brahmacharini mantra) इस प्रकार हैं:
ॐ ब्रह्मचारिण्यै च विद्महे ज्ञान–वैराग्य–रूपिण्यै नमः शिवायै॥
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
मां ब्रह्मचारिणी मंत्र (Maa Brahmacharini mantra)
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
अर्थ: इस (Maa Brahmacharini mantra) मंत्र का अर्थ है: हे देवी! आप सभी प्राणियों में ब्रह्मचारिणी रूप में स्थित हैं। मैं आपको बार-बार प्रणाम करता हूं।
मां ब्रह्मचारिणी मंत्र (Maa Brahmacharini mantra) का महत्व इस प्रकार है:
- यह (Maa Brahmacharini mantra) एक शक्तिशाली मंत्र है जो मां ब्रह्मचारिणी की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
- यह मंत्र भक्तों को ज्ञान, तप, संयम और सदाचार की प्राप्ति में मदद करता है।
- यह मंत्र भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त करने में मदद करता है।
- यह मंत्र भक्तों को जीवन में सफलता और सुख-शांति प्राप्त करने में मदद करता है।
मां ब्रह्मचारिणी मंत्र (Maa Brahmacharini mantra) का जाप करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:
- ज्ञान और तप की प्राप्ति होती है।
- संयम और सदाचार की वृद्धि होती है।
- सभी प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।
- जीवन में सफलता मिलती है।
- दुखों से मुक्ति मिलती है।
- मन को शांति मिलती है।
Maa Brahmacharini mantra को नियमित रूप से जपने से भक्तों को मां की कृपा प्राप्त होती है और वे अपने जीवन में सभी प्रकार की सफलता और सुख-शांति प्राप्त करते हैं
मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की आरती
जय ब्रह्मचारिणी माता, जय जय ब्रह्मचारिणी
ब्रह्माजी की प्यारी सती, तुम हो जगदम्बे रानी।
तुमने तपस्या से सिद्धि पाई, तीनों लोकों में तुमने धाम बनाया।
अपने भक्तों को सुख दिया, दुःखों को हर लिया।
ॐ जय ब्रह्मचारिणी माता, जय जय ब्रह्मचारिणी
ब्रह्माजी की प्यारी सती, तुम हो जगदम्बे रानी।
तुम्हारे दर्शन से मन हुआ, निर्मल और पवित्र।
तुमने हमें ज्ञान दिया, अज्ञानता को हर लिया।
ॐ जय ब्रह्मचारिणी माता, जय जय ब्रह्मचारिणी
ब्रह्माजी की प्यारी सती, तुम हो जगदम्बे रानी।
तुमने हमें शक्ति दी, दुश्मनों पर विजय दिलाई।
तुमने हमें आशीर्वाद दिया, जीवन में सफलता दिलाई।
ॐ जय ब्रह्मचारिणी माता, जय जय ब्रह्मचारिणी
ब्रह्माजी की प्यारी सती, तुम हो जगदम्बे रानी।
मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) का महत्व
Maa Brahmacharini को ज्ञान और तप की देवी कहा जाता है। उनकी पूजा करने से ज्ञान, तप, संयम और सदाचार की प्राप्ति होती है। वे अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त करने में मदद करती हैं।
मां की पूजा नवरात्रि (Navratri puja) के दूसरे दिन की जाती है। इस दिन भक्त मां की पूजा करके उनसे ज्ञान, तप और सदाचार की प्राप्ति की कामना करते हैं।
Author – Pratima Rawat
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