Kedarnath Yatra 2024
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम Kedarnath Yatra के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 10 मई 2024 से खोले जाएंगे. केदारनाथ उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले मे भगवान शिव का एक पवित्र धाम है, जहां हर साल लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं. यदि आप केदारनाथ धाम Kedarnath Yatra के दर्शन करने वाले हैं तो इसके नजदीकी पवित्र धामों पर जाना बिल्कुल न भूलें.
देवप्रयाग-
उत्तराखंड के पांच प्रयागों में से एक देवप्रयाग की भी एक खास पहचान है. देवप्रयाग वही स्थान है जहां गंगोत्री से आने वाली भागीरथी नदी और बदरीनाथ धाम से आने वाली अलकनंदा नदी का संगम होता है. देवप्रयाग से यह नदी पवित्र गंगा के नाम से जानी जाती है. हिंदू धर्म में गंगा नदी को बहुत ही पूजनीय माना गया है. देवप्रयाग में श्री रघुनाथ जी का मंदिर भी है, जहां हिंदू तीर्थयात्री भारत के कोने कोने से आते हैं.
बद्रीनाथ-
केदारनाथ के पास बद्रीनाथ धाम भी पड़ता है. केदारनाथ Kedarnath Yatra से बद्रीनाथ के बीच की दूरी करीब 40 किलोमीटर है. भगवान शिव के परम भक्तों को जीवन में एक बार बद्रीनाथ जरूर आना चाहिए. इस चोटी को भगवान शिव का पर्वत कहा जाता है. बद्रीनाथ मंदिर यहां आकर्षण का सबसे प्रमुख केंद्र है जहां भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इसके अलावा आप यहां, बर्फ की चादर से चोटियां, तप्त कुंड, नीलकंठ की चोटी और द वैली ऑफ फ्लॉवर जैसी जगहें भी घूम सकते हैं.
ऋषिकेश-
दिल्ली-एनसीआर से केदारनाथ जाने वाले लोग ऋषिकेश भी जा सकते हैं. हर साल यहां हजारों लोग गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं. ऋषिकेश से केदारनाथ Kedarnath Yatra की दूरी सिर्फ 105 किलोमीटर है. अगर आप केदारनाथ Kedarnath Yatra जा रहे हैं तो साथ-साथ ऋषिकेश भी घूमा जा सकता है. ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला, त्रिवेणी घाट, स्वर्ग आश्रम, नीलकंठ महादेव मंदिर समेत कई धार्मिक स्थल हैं.
हरिद्वार-
हरिद्वार का नाम भारत के सबसे धार्मिक शहरों में गिना जाता है. दुर्गा पूजा के समय यहां का नजारा बड़ा दिव्या होता है. कुम्भ मेले के समय हरिद्वार की खूबसूरती कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है. यहां हर की पौड़ी, चंडी देवी मंदिर, पवन धाम और विष्णु घाट यहां आकर्षण के सबसे बड़े केंद्र हैं. हरिद्वार से केदारनाथ Kedarnath Yatra केवल 123 किलोमीटर दूर है. केदारनाथ जाते हुए आप हरिद्वार भी घूमकर आ सकते हैं
Frequently Asked Questions (FAQs)
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When does the Kedarnath Dham open for Yatra in 2024?
- The Kedarnath Dham is scheduled to open for Yatra on May 10th, 2024. Pilgrims and tourists can plan their visit accordingly.
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Why are these 4 sacred places mentioned along the route to Kedarnath significant?
- These four sacred places hold historical and religious significance along the route to Kedarnath. They offer devotees opportunities for spiritual rejuvenation and are believed to enhance the pilgrimage experience.
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What can visitors expect to see at Guptkashi and Sonprayag?
- Guptkashi is renowned for its ancient Vishwanath Temple and Ardhanarishvara Temple, while Sonprayag is revered as the confluence of the rivers Basuki and Mandakini. Visitors can expect to witness architectural marvels and partake in rituals by the sacred rivers.
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What is the significance of Triyuginarayan Temple and Gaurikund for pilgrims?
- Triyuginarayan Temple is believed to be the sacred site where Lord Shiva and Goddess Parvati got married. Gaurikund, named after Goddess Parvati, serves as the base camp for the Kedarnath trek and features hot water springs where devotees purify themselves before embarking on the pilgrimage.
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Are these sites accessible by road, and how far are they from Kedarnath?
- Yes, these sacred sites are accessible by road along the route to Kedarnath. The distances from Kedarnath are as follows: Guptkashi (approx. 30 km), Sonprayag (approx. 20 km), Triyuginarayan Temple (approx. 20 km), and Gaurikund (approx. 16 km). Travelers can hire taxis or use local transport services to reach these destinations.