उत्तराखंड में चारधाम यात्रा Chardham yatra को लेकर इस बार यात्रियों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। यही वजह है कि रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 16.37 लाख पार हो गया है। अभी से ही होटल, हेली टिकट और वाहन बुक हो गए हैं।
उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 10 मई से विधिवत शुरू होने वाली है। इस साल की चारधाम यात्रा Chardham yatra को लेकर श्रद्धालुओं में ज्यादा उत्साह दिखाई दे रहा है। इस बार 15 अप्रैल से चारधाम यात्रा Chardham yatra के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हुए हैं। अभी तक 16.37 लाख यात्री रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। बड़ी बात यह है कि चारधाम यात्रा Chardham yatra में इस बार मई महीने तक के रजिस्ट्रेशन पूरे हो गए हैं। यात्रियों में उत्साह इस कदर है कि अभी से ही हेली सेवा और होटल भी पूरे फुल हो गए हैं। इसके अलावा सरकार ने इस बार श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा Chardham yatra में टोकन व्यवस्था के साथ स्टॉल की भी सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।
10 मई से लेकर 31 मई तक के रजिस्ट्रेशन पूरे
एक आंकड़े के मुताबिक, 10 मई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में अभी तक 10 मई से लेकर 31 मई तक के रजिस्ट्रेशन पूरे हो चुके हैं। चारधाम यात्रा में यमुनोत्री धाम के लिए अभी तक 2,72,506, गंगोत्री के लिए 3,03,505, केदारनाथ धाम के लिए 5,77,241 और बद्रीनाथ धाम के लिए 4,83,879 यात्री रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। चारधाम यात्रा के लिए 28 मई तक कुल 16,37,131 यात्री अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। वहीं, हेमकुंड साहिब के लिए अब तक 27,261 यात्री अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।
हेली टिकट के लिए मारामारी
चारधाम यात्रा Chardham yatra में आने वाले यात्री सबसे ज्यादा केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के दर्शन करते हैं। साल 2013 की आपदा के बाद से केदारनाथ में यात्रियों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है, जिसे देखते हुए सरकार को हेली सेवा को भी अपग्रेड करना पड़ा है। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) से मिली जानकारी के अनुसार, केदारनाथ में हेलीकॉप्टर से आने वाले यात्रियों की संख्या भी रिकॉर्ड तोड़ रही है। आलम ये है कि अभी तक मई और जून महीने की हेली टिकट बुकिंग फुल हो चुकी है।
भक्तों की तय सीमा का हो रहा विरोध
वहीं, आपको बता दें कि चारधाम यात्रा Chardham yatra में भीड़ को देखते हुए सरकार ने समय सीमा तय की है जिसका अब विरोध भी होने लगा है। चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के साथ होटल और होमस्टे संगठन के लोगों ने भी चेतावनी देनी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि जब गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर के साथ निचले इलाकों यानी यात्रा पड़ाव में यात्रियों के रुकने की संख्या और कैपेसिटी ज्यादा है ऐसे में किस लिहाज से यात्रियों की संख्या सीमित की जा रही है। (IANS इनपुट्स के साथ)
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