Goddess Durga is known by several names such as Adi Parashakti, Maa Durga aarti in Hindi, Sherowali, Parvati, Ambe, Yogmata, and Bhavani. Durga pooja is a festival that is celebrated by Hindus not only in India but all around the world.
Benefits of Maa Durga Aarti
Maa Durga Aarti gives peace and wealth to people.
Maa Durga Aarti is the most important festival of Bengal and this is also known as Navratri.
Maa Durga Aarti is done For stability and peace for career, business, and couple life.
After Maa Durga Aarti devotes feel peaceful and stable.
Best time to Recite Maa Durga Aarti
Dussehra, Navami, and Navratri are some favorable days for Durga Pooja.
Mostly Friday is Dedicated to Maa Durga and considered as best pooja of God.
Morning you can perform Aarti as well as in the evening after wearing clean clothes and taking bath. Navratri of 9 days is dedicated to Maa Durga.
Timing of Maa Durga Aarti
Durga Pooja as per Panchang, Ghata Mahurat on April 2, 2022, is between 6:10 am to 8:31 am and Ghatasthapana Abhijit Muhurat is between 12:00 pm to 12:50 pm.
List of Cities that celebrate Durga Puja in India
- Ahmedabad Gujarat
- Kolkata, West Bengal
- Katra, Jammu, and Kashmir
- Mumbai, Maharashtra
- New Delhi
- Pune
- Kullu
- Dussehra, Jagdalpur, Bastar
- Varanasi, Uttar Pradesh
- Guwahati, Assam
Maa Durga Aarti
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्.वत, हरि ब्रह्मा शिवरी।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
मांग सिंदूर विराजत, टीको जगमद को।
उज्जवल से दो नैना चन्द्रवदन नीको।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी।।
ओम जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति।।
ओम जय अम्बे गौरी।
शुंभ निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
ब्रम्हाणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शव पटरानी।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
तुम ही जग की माता, तुम ही भरता।
भक्तन की दुख हरता सुख संपत्ति करता।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी।।
ओम जय अम्बे गौरी।
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपति पावे।।
ओम जय अम्बे गौरी।।
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।