खराब मौसम के बीच केदारनाथ घाटी से 1400 लोग निकाले गए, रुके रह गए पुजारी, दुकानदार और 50 श्रद्धालु

Kedarnath

भारी बारिश और भूस्खलन के बाद केदारघाटी Kedarnath और रुद्रप्रयाग में कई तीर्थ यात्री फंस गए थे. इन श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने केसुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ, सेना और एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में केदारघाटी से 1400 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है.

भारी बारिश और भूस्खलन के बाद केदारघाटी में फंसे तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू किए जाने का काम छठे दिन भी जारी है. रेस्क्यू टीम ने मंगलवार को करीब 150 स्थानीय लोगों को केदारनाथ Kedarnath से भीमबील एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की देखरेख में रवाना किया गया है. साथ ही टीम जंगलचट्टी से भी 161 लोगों को एनडीआरएफ चिरबासा लेकर पहुंची है. वहीं, रेस्क्यू टीम ने सोमवार को केदारनाथ Kedarnath पैदल मार्ग में फंसे 1400 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया.

खराब मौसम के बीच केदारनाथ घाटी से 1400 लोग निकाले गए, रुके रह गए पुजारी,  दुकानदार और 50 श्रद्धालु - Rescue team evacuated 1400 people from Kedarnath  valley amid bad weather priest

अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टरों ने तीर्थयात्रियों को निकालने में मदद की जो पहले बड़े पैमाने पर छोटे हेलीकॉप्टरों द्वारा किया जा रहा था. सोनप्रयाग में मंदाकिनी नदी पर सेना द्वारा बनाए गए पैदल पुल का निर्माण पूरा होने से भी रेस्क्यू एवं राहत कार्यों में बड़ी राहत मिली है.
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि 136 तीर्थयात्रियों को भारतीय वायुसेना और राज्य के हेलीकॉप्टरों द्वारा बचाया गया, जबकि 509 को केदारनाथ Kedarnath से पैदल लिनचोली लाया गया और हेलीकॉप्टरों से चारधाम और सेरसी हेलीपैड पर भेजा गया. उनके अलावा 584 लोगों को गौरीकुंड से सोनप्रयाग के माध्यम से और 172 अन्य को चौमासी के माध्यम से बचाया गया. उन्होंने कहा कि अधिकांश तीर्थयात्रियों को लिनचोली, भीमबली और गौरीकुंड से सुरक्षित निकाला गया है.

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Kedarnath 11 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं को किया गया रेस्क्यू

अधिकारी के अनुसार, पिछले गुरुवार को शुरू हुए रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद अब तक 11 हजार 775 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. अब केदारनाथ Kedarnath में अपनी मर्जी से रुकने वाले लगभग 50 तीर्थयात्रियों के अलावा मंदिर के पुजारी, दुकानदार, घोड़े और पालकी चलाने वाले ही लोग बचे हैं.
एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि सोनप्रयाग, शेरसी, चौमासी, चारधाम हेलीपैड और केदारनाथ Kedarnath हेलीपैड पर ले जाए गए लोगों के लिए खाना, पानी और आवास की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.
यह भी पढ़ें: 9 हजार श्रद्धालुओं को बचाया गया, अब भी एक हजार से ज्यादा फंसे, केदारनाथ Kedarnath में चौथे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी सेना ने शुरू किया पुल का निर्माण

Kedarnath Dham जाने वाले पैदल मार्ग पर भूस्खलन ,मलबे में दबे 3  तीर्थयात्रियों की मौत | Landslide on the footpath leading to Kedarnath  Dham, 3 pilgrims died after being buried under the debris
31 जुलाई को भारी बारिश और बादल फटने से लिनचोली, भीमबली, घोड़ापड़ाव और रामबाड़ा सहित कई स्थानों पर केदारनाथ Kedarnath पैदल मार्ग बह गया, जिससे हिमालयी मंदिर के तीर्थयात्री फंस गए. भूस्खलन के कारण अन्य स्थानों पर भी मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए. सेना ने केदारनाथ Kedarnath राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोनप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर पैदल पुल का निर्माण शुरू कर दिया है. साथ ही सोनप्रयाग में दिव्यांगों, बीमारों और बुजुर्गों की आवाजाही के लिए एक ट्रॉली भी लगाई है. साथ ही रेस्क्यू टीम ने अपने ऑपरेशन में डॉग स्क्वायड को भी तैनात किया है.

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