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Kedarnath Ropeway: केदारनाथ का सफर सात-आठ घंटे के बजाए केवल कुछ मिनटों का, आप भी कर लें तैयारी, यहां जानें लेटेस्‍ट अपडेट

kedarnath Ropeway

Kedarnath Ropeway latest News- केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्‍छी खबर है. बगैर चढ़ाई चढ़े पहुंचा जा सकेगा. दोनों प्रोजेक्‍ट के काम आवार्ड करने की डेडलाइन तय कर दी गयी है. निर्माण कंपनी को इसी माह काम सौंप कर दिया जाएगा.

नई दिल्‍ली. केदारनाथ जाने के दुर्गम रास्‍ते और चढ़ाई की वजह से अभी तक न जा पाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्‍छी खबर है. उन्‍हें इन रास्‍तों से गुजरने की जरूरत नहीं होगी. वे बगैर चढ़ाई चढ़े केदारनाथ तक पहुंच सकेंगे. इसके साथ ही हेमकुंड जाने वाले श्रद्धालुओं को भी राहत मिलने वाली है. दोनों प्रोजेक्‍ट के काम आवार्ड करने की डेडलाइन तय कर दी गयी है. निर्माण कंपनी को इसी माह काम सौंप कर दिया जाएगा. काम अवार्ड होते ही निर्माण की संभावित डेट भी तय हो जाएगी.

Kedarnath Temple - Wikipedia

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे का काम जल्‍द शुरू कराने के लिए संबंधित फाइल को वित्‍त मंत्रालय भेजी है. मंत्रालय के अनुसार अप्रवूल मिलते ही काम अवार्ड कर दिया जाएगा. पूर्व में तैयार किए गए प्रोजेक्‍ट में थोड़ा बदलाव किया गया है. रोपवे निर्माण के लिए मशीनों व अन्‍य भारी सामानों को ले जाने के लिए कई जगह पहाड़ा की छंटाई करनी और कई जगह पुलों को भी चौड़ा करना पड़ सकता है. इस वजह से प्रोजेक्‍ट दोबारा भेजा गया है.

2029 तक होगा तैयार

काम आवार्ड होने के बाद छह माह के अंदर निर्माण का काम शुरू हो जाता है और पांच साल में निर्माण काम पूरा होगा. अगर काम तय समय में आवार्ड कर दिया गया तो 2029 तक निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है. यानी 2029 तक केदारानाथ का सफर आसान हो जाएगा.

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कुछ मिनटों का होगा सफर

अभी नीचे से चढ़ाई चढ़कर केदारनाथ पहुंचने में सात-आठ घंटे लगते हैं, लेकिन रोपवे बनने के बाद यह सफर कुछ मिनटों का रह जाएगा. वहीं हेंमकुड साहिब का सफर तीन दिन के बजाए कुछ घंटों का ही रह जाएगा. इस तरह हर उम्र के लोग आसानी से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के दर्शन कर सकेंगे.

मौजूदा समय पैदल के अलावा हेलीकॉप्‍टर सेवा ही विकल्‍प

मौजूदा समय केदारनाथ जाने का दो विकल्‍प हैं, पहला पैदल सात-आठ घंटे का सफर कर पहुंचा जा सकता है और दूसरा हेलीकॉप्‍टर सेवा है. हेलीकॉप्‍टर सेवा महंगी होने के साथ साथ अधिक मांग होने की वजह से असानी से उपलब्‍ध नहीं होता है. इस वजह से ज्‍यादा श्रद्धालु पैदल ही केदारनाथ पहुंचते हैं. वहीं, हेमकुंड साहिब तक का सफर पैदल करते हैं.

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