आइए जानते हैं कि उत्तराखंड के चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 2025 में कब खुलेंगे और कब से कब तक आप चारधाम यात्रा कर सकेंगे।
Kedarnath Yatra 2025 : उत्तराखंड की चारधाम यात्रा विश्व प्रसिद्ध है। हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस यात्रा से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम शामिल है। पूरे साल में चारधाम यात्रा केवल छह महीने तक ही चलती है। ठंड के मौसम में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इन छह महीनों में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु केदारनाथ-बद्रीनाथ की यात्रा करने के लिए पहुंचते हैं। अगर आप भी चारधाम यात्रा करना चाहते हैं, तो आपका इंतजार अब खत्म होने वाला है। सर्दियों का मौसम जा चुका है और चार धाम मंदिरों के कपाट खुलने का समय आने वाला है। आइए जानते हैं कि उत्तराखंड के चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 2025 में कब खुलेंगे और कब से कब तक आप चारधाम यात्रा कर सकेंगे।
कब खुलेंगे केदारनाथ मंदिर के कपाट
केदारनाथ मंदिर के कपाट 2 मई, 2025 को सुबह 6:20 बजे फिर से खुल जाएंगे। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर एक समारोह के दौरान धार्मिक नेता और अधिकारियों ने की। तीर्थयात्रियों को केदारनाथ मंदिर में सुबह 7 बजे से प्रवेश मिलेगा। वहीं 23 अक्टूबर 2025 को केदारनाथ मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाएगा।
चारधाम यात्रा कब से शुरू हो रही है?
केदारनाथ मंदिर के अलावा अन्य धाम के कपाट खुलने की तारीखों की भी घोषणा हो गई है। जानकारी के मुताबिक, यमुनोत्री मंदिर श्रद्धालुओं के लिए 30 अप्रैल 2025 को खुल जाएगा। वहीं तीर्थयात्री गंगोत्री के दर्शन भी 30 अप्रैल से कर सकते हैं। हालांकि बद्रीनाथ मंदिर के द्वार 4 मई 2025 से खुल रहे हैं।
कहां स्थित है केदारनाथ मंदिर?
केदारनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। साथ ही पंच केदार तीर्थ स्थलों में केदारनाथ मंदिर पहला है। यह मंदिर भगवान शिव का अति प्रिय माना जाता है, तो कि भगवान शिव के बैल स्वरूप के अलग-अलग पांच अंगों को समर्पित है। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है। इस स्थान तक आप हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून से बस, टैक्सी की मदद से पहुंच सकते हैं। गौरीकुंड पहुंचने के बाद करीब 16 किमी पैदल रास्ता है, जहां घोड़े, पालकी या ट्रैक करके जा सकते हैं।
चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन
चार धाम यात्रा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 2 मार्च 2025 से शुरू हो रहे हैं। श्रद्धालु उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण कर सकते हैं। यात्रा की योजना बनाते समय मौसम की स्थिति को समझ लें, साथ ही सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।