भगवान गणेश को क्यों नहीं चढ़ाई जाती तुलसी? जान लें ये खास वजह
गणेशोत्सव इस समय देश भर में मनाया जा रहा है। गणेश की प्रतिमाओं को घर-घर में मै पूजा जा रहा है। इस समय गणपति के बारे में एक विशिष्ट बात जानें।
हिंदू धर्म में गणपति को सबसे पहले पूजा जाता है। भाद्रपद महीने में विघ् नहर्ता गणेश हर साल अपने भक् तों के पास आते हैं और उनके साथ 10 दिन रहकर उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। । देश भर में गणेश मंदिर सज चुके हैं। गणेश मंदिरों में लोगों की भीड़ है। साथ ही घरों में विराजमान गजानन की पूजा-अर्चना करने और प्रसन्न करने में भी लोग जुटे हुए हैं। गणपति बप्पा को हर दिन उनकी प्रिय भोजन दी जाती है। गणेशजी को मोदक, लड्डू और दूर्वा बहुत अच्छे लगते हैं। गणेश जी को भोग लगाते समय ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें तुलसी नहीं चढ़ाई जाए |
गणेश जी को नहीं चढ़ाते तुलसी
गणेश जी को भोग में मोदक, लड्डुओं के अलावा दूर्वा, साबुत सुपारी, साबुत हल्दी और जनेऊ भी विशेष तौर पर अर्पित किया जाता है. लेकिन गणेश जी को कभी भी तुलसी अर्पित नहीं करनी चाहिए. हालांकि हिंदू धर्म में तुलसी को बेहद पवित्र और पूजनीय माना गया है. भगवान विष्णु की पूजा तो बिना तुलसी अर्पित किए अधूरी होती है लेकिन गणेश जी की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल वर्जित माना गया है. इसकी वजह एक पौराणिक कथा में बताई गई है.
गणेश जी को तुलसी ना चढ़ाने की वजह
पुरानी कहानी कहती है कि गणेशजी एक बार गंगा किनारे तपस्या कर रहे थे। तभी तीर्थयात्रा पर निकली तुलसी ने गंगा के तट पर युवा गणेशजी को तपस्या करते देखा। तुलसी गणेश के इस रूप से मोहित हो गई और श्री गणेश से शादी करना चाहती थी। इसलिए उन् होंने गणेशजी की तपस्या को भंग कर दिया। गणेश जी ने यह कहकर तुलसी जी का प्रस्ताव ठुकरा दिया कि वे ब्रह्मचारी हैं. विवाह प्रस्ताव ठुकराए जाने से नाराज तुलसी ने गणेशजी को शाप दिया कि उनके एक नहीं, बल्कि दो विवाह होंगे.। तुलसी ने गणेशजी को शाप दिया कि उनके एक नहीं, बल्कि दो शादी होंगी क्योंकि उन्होंने उनका विवाह प्रस्ताव ठुकरा दिया था । इस पर श्री गणेश ने भी तुलसी को शाप देते हुए कहा कि वह एक असुर से विवाह करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मेरी पूजा में तुलसी चढ़ाना अशुभ होगा। तब से ही भगवान गणेश की पूजा में तुलसी चढ़ाना वर्जित है।