devdhamyatra-logo
devdhamyatra-logo

इस साल केदारनाथ की यात्रा अब महज 18 दिन शेष

Kedarnath Yatra

केदारनाथ धाम की यात्रा अब 18 दिन ही शेष है। ऐसे में इन दिनों बाबा केदार के दर्शनों के लिए यात्रियों की आवाजाही बढ़ गई है। बरसात खत्म होने के बाद मौसम अनुकूल रहते हुए जहां हेलीकॉप्टर से जाने वाले यात्रियों की हेलीपैडों पर भीड़ लगी है वहीं पैदल मार्ग में भी खूब चहल पहल बनी है। अब तक केदारनाथ यात्रा में 13,67,567 यात्री दर्शन कर चुके हैं। बताते चलें कि 3 नवम्बर भैया दूज पर सुबह 8.30 मिनट पर बाबा केदार के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद बाबा केदार की डोली शीतकाल के लिए ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी। जहां भगवान की छह महीने शीतकालीन पूजा अर्चना की जाएगी। इधर, 3 नवम्बर को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पूजा अर्चना के बाद दर्शन व्यवस्था और 5 बजे से समाधि पूजा की जाएगी। इसके बाद परम्परानुसार कपाट बंद होने की प्रक्रिया करते हुए ठीक 8.30 मिनट पर कपाट बंद कर दिए जाएंगे। वहीं अब केदारनाथ धाम की इस साल की यात्रा महज 18 दिन ही शेष है। बदरी-केदार मंदिर समिति के सीईओ विजय थपलियाल ने बताया कि 3 नवम्बर को विधि विधान के साथ बाबा केदार के कपाट बंद होंगे। इन दिनों केदारनाथ में दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ गई है। बीते दिन 11309 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए।

Kedarnath Dham: animals are giving new impetus to business on 16 km difficult walking route

16 किमी लंबे दुर्गम गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर बेजुबान कारोबार को नई रफ्तार दे रहे हैं। इस वर्ष कपाट खुलने के बाद से अभी तक घोड़ा-खच्चर के संचालन से एक अरब, 12 करोड़ 43 लाख से अधिक का कारोबार हो चुका है।

इस दौरान 3,86,396 यात्री दोतरफा सवारी कर चुके हैं। यात्रा के लगभग 38 दिन शेष रह गए हैं, ऐसे में कारोबार और अधिक होने की उम्मीद है। घोड़ा-खच्चर को केदारनाथ यात्रा की रीढ़ कहा जाता है। पैदल मार्ग पर यात्रियों को ढोने वाले इन जानवरों से 25 हजार से अधिक परिवार जुड़े हैं।

Kedarnath Dham: animals are giving new impetus to business on 16 km difficult walking route

इस वर्ष मार्च-अप्रैल में पशुपालन विभाग ने जिले में अलग-अलग स्थानों पर शिविर आयोजित कर 8,200 स्वस्थ घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण किया। जी-मैक्स कंपनी के प्रीपेड काउंटर के अनुसार, 10 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में 23 सितंबर तक घोड़ा-खच्चरों से 2,61,812 यात्री गौरीकुंड से केदारनाथ पहुंच चुके हैं।

इससे 83 करोड़, 77 लाख, 98 हजार 400 रुपये का कारोबार हुआ है। केदारनाथ धाम में बाबा केदार के दर्शन के बाद अभी तक 1,24,584 यात्री घोड़ा-खच्चर से वापस गौरीकुंड आ चुके हैं। इससे 28 करोड़, 65 लाख 43 हजार 200 रुपये की धनराशि अर्जित हो चुकी है। इस तरह एक अरब, 12 करोड़, 43 लाख, 41 हजार, 600 रुपये का कारोबार हो चुका है।

kedarnath : भोलेनाथ के भक्तों ने रचा इतिहास, 18 दिन में 5 लाख लोग केदारनाथ धाम पहुंचे

बीते एक सप्ताह से मौसम में सुधार होने से यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है। कपाट बंद होने में अभी 38 दिन का समय शेष है। ऐसे में घोड़ा-खच्चरों के संचालन से कारोबार का नया रिकार्ड बनने की उम्मीद है। वर्ष 2022 में घोड़ा-खच्चरों के संचालन से यात्रा में एक अरब नौ करोड़ और 2023 में एक अरब 25 करोड़ से अधिक की आय हुई थी।

पशुपालन विभाग ने इस बार केदारनाथ यात्रा में संचालित हो रहे घोड़ा-खच्चरों के गले की त्वचा पर आरएफआईडी चिप लगाई है। इस चिप को यूएचएफ से स्कैन करने पर घोड़ा-खच्चर के स्वास्थ्य सहित उसके स्वामी और संचालक के बारे में जानकारी मिल रही है। चिप की मदद से जहां इस बार घोड़ा-खच्चरों के बारे में सही जानकारी प्राप्त हुईं, वहीं यात्रियों के साथ घोड़ा-खच्चर संचालकों के अभद्र व्यवहार और ठगी के मामलों में भी काफी कमी दर्ज की गई।

Follow Us

Most Popular

Get The Latest Updates

Subscribe To Our Weekly Newsletter

Notifications only about new updates.

Share:

Facebook
Twitter
Pinterest
LinkedIn

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *