जानिए हरियाली अमावस्या का महत्व ? जानिए तिथियां, शुभ समय , स्नान और दान का महत्व

हरियाली अमावस्या

हरियाली अमावस्या 2023 तिथि: सावन माह की अमावस्या को हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सावन का महीना भगवान भोलेनाथ के लिए बहुत प्रिय है। ऐसे में श्रावण मास की अमावस्या का भी बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन पितरों के निमित्त पिंडदान किया जाता है। हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान, पितरों को पिंडदान और श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा हरियाली अमावस्या का त्यौहार जीवन में पर्यावरण के महत्व को भी बताता है। इस दिन नए पौधे लगाए जाते हैं। मान्यता है कि हरियाली अमावस्या के दिन पेड़ लगाने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। यह किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण है. इस दिन, किसान खेती में उपयोग किए जाने वाले कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं और भगवान से अनाज की फसल के लिए प्रार्थना करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं हरियाली अमावस्या की तिथि कब है, पूजा विधि के बारे में…

हरियाली अमावस्या 2023 तिथियां
पंचांग के अनुसार हरियाली अमावस्या की तिथि 16 जुलाई रात 10 बजकर 08 मिनट से है. इसका समापन 18 जुलाई को दोपहर 12 बजे होगा. उदया तिथि तिथि के अनुसार 17 जुलाई को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी।

हरियाली अमावस्या में शुभ संयोग
17 जुलाई यानी हरियाली अमावस्या के दिन कुछ शुभ संयोग बने हैं। यह दिन सोमवार को पड़ता है | इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। सावन का दूसरा सोमवार व्रत भी इसी दिन पड़ता है।

हरियाली अमावस्या का अर्थ
इस समय अत्यधिक वर्षा के कारण पृथ्वी हरी-भरी रहती है। चारों ओर हरे-भरे पेड़-पौधे हैं। ऐसे में इस दिन लोग विशेष रूप से पेड़-पौधों की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस दिन पीपल और तुलसी की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

हरियाली अमावस्या में लगाए पोंधे
इस दिन पौधारोपण करना भी लाभदायक होता है । इसीलिए हरियाली अमावस्या के दिन स्नान, दान, पूजा-पाठ के अलावा पेड़-पौधे लगाने का भी लाभदायक

Follow Us

Most Popular

Get The Latest Updates

Subscribe To Our Weekly Newsletter

Notifications only about new updates.

Share:

Facebook
Twitter
Pinterest
LinkedIn

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *