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बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर से होंगे बंद, आज से पंच पूजन प्रक्रिया होगी शुरू

Badrinath Dham

बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने बताया कल से पंच पूजाएं शुरू हो रही हैं. विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार 17 नवंबर को रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत आज 13 नवंबर से पंच पूजाएं शुरू होंगी.

बद्रीनाथ धाम में आज से कपाट बंद होने की प्रक्रिया पंच पूजाएं शुरू होने जा रही हैं. आने वाले 5 दिनों में बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को रात्रि 9:07 पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे वहीं इस बार अब तक 13 लाख 60 हजार तीर्थ यात्री बद्रीनाथ धाम पहुंच चुके हैं और अभी भी 5 दिनों की यात्रा शेष रह गई है, जिसमें यह आंकड़ा 14 से 15 लाख के करीब जा सकता है.

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वहीं चमोली जनपद के जिला अधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि पिछले दो महीने से बद्रीनाथ धाम की यात्रा लगातार चल रही है.
बद्रीनाथ धाम में अब तक 13,60000 लाख यात्री पहुंच चुके हैं और यहां आंकड़ा 140000 से अधिक जाने की उम्मीद है और अभी भी 6
दिन का समय शेष है जिसमें बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों के पहुंचने की उम्मीद है.
वहीं बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने बताया कल से पंच पूजाएं शुरू हो रही हैं. विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार 17 नवंबर को रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत आज 13 नवंबर से पंच पूजाएं शुरू होंगी. पंच पूजाओं के अंतर्गत पहले दिन भगवान गणेश की पूजा होगी. शाम को भगवान गणेश के कपाट बंद होंगे. इसके अगले दिन बृहस्पतिवार 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर और आदि जगतगुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे. इसके तीसरे दिन शुक्रवार 15 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन और बद्रीनाथ मंदिर में वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जाएगा और चौथे दिन शनिवार 16 नवंबर मां लक्ष्मी जी को मुख्य पुजारी रावल जी द्वारा कढाई भोग चढाया जायेगा और रविवार 17 नवंबर को रात 9 बजकर 07 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे.

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कपाट बंद होने की पूरी प्रक्रिया और आयोजनः
13 नवंबर: भगवान गणेश की पूजा एवं शाम को उनके कपाट बंद होंगे.
14 नवंबर: आदि केदारेश्वर और आदि जगतगुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे.
15 नवंबर: खडग और पुस्तक पूजन के साथ वेद ऋचाओं का वाचन बंद किया जाएगा.
16 नवंबर: मां लक्ष्मी को मुख्य पुजारी रावल जी द्वारा कढ़ाई भोग अर्पित किया जाएगा.
17 नवंबर: रात 9:07 बजे श्री बद्रीनाथ धाम के मुख्य कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे.
वहीं कपाट बंद होने के बाद सोमवार 18 नवंबर को श्री कुबेर जी एवं उद्धव जी व रावल जी सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ को प्रस्थान करेगी. श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी सोमवार 18 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के बाद मंगलवार 19 नवंबर समारोह पूर्वक गद्दीस्थल श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी. इसी के साथ शीतकालीन प्रवास श्री पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं आयोजित होंगी.

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