केदारनाथ में कल सुबह से ही मौसम खराब है। धाम में बारिश और हिमपात का सिलसिला जारी है। लेकिन इसके बाद भी बाबा केदार के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग रहा है । सोनप्रयाग से सुबह साढे दस बजे तक 9000 श्रद्धालुओं को केदारनाथ भेजा गया। इस बीच धाम में पहले से मौजूद श्रद्धालुओं को टोकन सिस्टम से बाबा के दर्शन कराए जा रहे हैं। 2000 श्रद्धालु धाम से बाबा केदार के दर्शन पश्चात् वापस लौट आए। सोनप्रयाग में अब भी 4500 श्रद्धालु इंतजार कर रहे हैं।
भक्तों द्वारा बुक की गई पूजा केदारनाथ में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक होती है। कपाट खुलने के बाद से भीड़ को देखते हुए केवल षोडषोपचार अभिषेक पूजा हो रही है। साथ ही, धार्मिक दर्शन सुबह 5 बजे शुरू होता है और दोपहर 3 बजे तक चलता है। इसके बाद शाम 5 बजे से संध्या आरती तक श्रृंगार दर्शन चलता रहता है।
केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद से रोजाना दोपहर में जमकर हिमपात हो रहा है। ऐसे में जहां यात्रियों को दिक्कत हो रही है, वहीं प्रशासन और पुलिस को भी व्यवस्था के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
एसडीएम अजयवीर सिंह और जीएमवीएन के क्षेत्रीय प्रबंधक सुदर्शन खत्री ने कहा कि बर्फ के कारण टेंट क्षीण हो रहे हैं। लिंचोली से केदारनाथ जाने वाले पैदल रास्ते में काफी कीचड़ हो रहा है।
केदारनाथ में मंदिर के पीछे स्थित विशालकाय दिव्य चट्टान के बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने जा रहे हैं। आपदा में इस शिला ने मंदिर को मंदाकिनी नदी के जल-प्लावन से सुरक्षित रखा था। यह चट्टान लगभग छह फीट ऊंची और 10 फीट से अधिक लंबी है।
केदारनाथ के तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती कहते हैं कि कोई नहीं जानता कि यह विशालकाय चट्टान नदी के सैलाब के साथ कहाँ से बहकर आई। आपदा के पश्चात् 11 सितंबर को पुन: मंदिर खोला गया और पूजा-अर्चना शुरू की गई। तब इस चट्टान को दिव्य शिला नाम दिया गया।