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माँ सरस्वती आरती

maa Sarasvati Arti

माँ सरस्वती ( Maa Sarasvati )

माँ सरस्वती  हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं और विद्या, विज्ञान, कला, संगीत, शिक्षा, ज्ञान, और क्रियाशीलता की देवी के रूप में पूजी जाती हैं। वह सरस्वती नदी के नामक नदी की रूप में भी प्रतिष्ठित हैं। माँ सरस्वती का विवरण निम्नलिखित है:

  1. ध्यान का वाहन: माँ सरस्वती का वाहन हंस (swan) होता है, जो पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक है।
  2. चार भुजाएँ: माँ सरस्वती की मूर्ति में चार भुजाएँ (four arms) होती हैं, जो धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष के चार पुरुषार्थों को प्रतिनिधित करती हैं।
  3. वीणा: माँ सरस्वती के हाथ में एक वीणा होती है, जो कला और संगीत का प्रतीक है।
  4. पुस्तकें: वे एक या दो पुस्तकें भी पकड़ती हैं, जो ज्ञान और शिक्षा के प्रतीक हैं।
  5. मुकुट: माँ सरस्वती के मुख में एक मुकुट होता है, जो उनकी महत्त्वपूर्णता को प्रकट करता है।
  6. अन्नपूर्णा अक्षमाला: कुछ माँ सरस्वती की मूर्तियों में अन्नपूर्णा अक्षमाला भी दिखाई देती है, जो शिक्षा और आहार के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत की जाती है।

सरस्वती माँ की पूजा विशेष रूप से विद्यार्थियों और कला प्रेमियों के बीच में प्रचलित है, और उन्हें ज्ञान और समृद्धि की प्राप्ति के लिए उनकी कृपा की प्रार्थना की जाती है। वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा इस देवी की पूजा का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भारत में मनाया जाता है।

माँ सरस्वती की आरती ( Maa Sarasvati )

माँ सरस्वती आरती
माँ सरस्वती आरती

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

सदगुणवैभवश्री महाकाली, सद्गुणवैभवश्री महाकाली॥

जय विद्या जीवन प्रदे मैया जय विद्या जीवन प्रदे।

जग कल्याणकारिणी काली भवदर्शनी, जग कल्याणकारिणी काली भवदर्शनी॥

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

जो ज्ञान देती शुभकामना धृष्टि प्रदा, जो ज्ञान देती शुभकामना धृष्टि प्रदा॥

जय विद्या जीवन प्रदे मैया जय विद्या जीवन प्रदे।

विष्णुविलोचनी वेदरूपी, विष्णुविलोचनी वेदरूपी॥

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

धृति संबुद्धि बुद्धि प्रकृति रूपे बुद्धि प्रकृति रूपे॥

जय विद्या जीवन प्रदे मैया जय विद्या जीवन प्रदे।

जय जय हे सरस्वती माता, जय जय हे सरस्वती माता।

सत्यरूपा वेदमाता, सत्यरूपा वेदमाता॥

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।

ब्रह्मा, विष्णु, महेशा त्रिमूर्ति रूपे, त्रिमूर्ति रूपे॥

जय विद्या जीवन प्रदे मैया जय विद्या जीवन प्रदे।

इस आरती को गाते समय और पूजा करते समय, माँ सरस्वती के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति का अनुभव किया जा सकता है/

 सरस्वती माँ का जन्म: ( Maa Sarasvati ka Jnam )

वेदों के पुराणों के अनुसार ब्रह्मा, त्रिमूर्ति की एक अवतार के रूप में हुआ था। वेदों के अनुसार, ब्रह्मा ने सृष्टि की प्रारंभ में अपनी आत्मा से माँ सरस्वती को पैदा किया। उनका जन्म वाराणसी के काशी में हुआ था।

सरस्वती माँ को विद्या, ज्ञान, कला, संगीत, विज्ञान, और शिक्षा की देवी के रूप में माना जाता है, और वे विद्यार्थियों की आदिशक्ति हैं। उनका जन्म ब्रह्मा के द्वारपालक और सृष्टि के प्रभु के रूप में हुआ, जिन्होंने संसार की सर्वविद्या को जन्म दिया।माँ सरस्वती का जन्म आध्यात्मिक और सांस्कृत10 Best Goddess Saraswati Maa HD Wallpapers/photos free download - 2018 - Entertainment & Devotional Wal… | Saraswati mata, Saraswati photo, Wallpaper free download

माँ सरस्वती का ज्ञान ( Maa Sarasvati Ka Jyan )

 सरस्वती माँ का ज्ञान या ज्ञान असीम, आनंदमय और उच्च विचारशीलता की ऊँचाइयों का प्रतीक है। उन्हें विद्या, ज्ञान, विवेक, धार्मिकता और साक्षात्कार की देवी के रूप में पूजा जाता है। उनके आवाज़न से भी विचारशीलता और संज्ञान उत्पन्न होता है। यहां उनके ज्ञान का कुछ विशेष पहलुओं का वर्णन किया जा रहा है:

  1. आध्यात्मिक ज्ञान (Spiritual Wisdom): माँ सरस्वती व्यक्तियों को आत्मा के आद्यात्मिक विकास और उद्दीपना के लिए ज्ञान प्रदान करती हैं।
  2. विद्या का ज्ञान (Academic Knowledge): उन्हें विद्या, विज्ञान, साहित्यिक कला, संगीत, और कला के क्षेत्र में ज्ञान प्रदान किया जाता है।
  3. ब्रह्म ज्ञान (Knowledge of the Ultimate Reality): माँ सरस्वती वेदांतिक ज्ञान का प्रतीक हैं, जो ब्रह्म के साकार और निराकार रूप के ज्ञान को संकेतित करता है।
  4. उद्देश्यों की ज्ञान (Purpose of Life): वे जीवन के उद्देश्य के बारे में ज्ञान प्रदान करती हैं और व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने में मदद करती हैं।
  5. संविदान और न्याय का ज्ञान (Conscience and Justice): माँ सरस्वती न्याय और समाजिक न्याय के महत्व को बताती हैं, जो समाज के उत्थान और सुधार के लिए आवश्यक हैं।
  6. साक्षात्कार और आत्मा के ज्ञान (Realization and Self-Knowledge): वे व्यक्ति को आत्मा और ब्रह्म के असीम विश्व का अनुभव करने में मदद करती हैं।Maa Saraswati: दिन में इतने बजे जीभ पर बैठती हैं मां सरस्वती!

सरस्वती माँ का ज्ञान व्यक्ति को शिक्षा, ज्ञान, संवेदनशीलता और न्याय की महत्वपूर्णता का आदान-प्रदान करता है, ताकि वे सफल और सच्चे जीवन को जी सकें/

FAQs

Q1. मां सरस्वती से हम कौन कौन से गुण मिलते हैं?
Ans.  सबसे जादा जो हम मांगते है वो है विद्या । सरसवती जी विद्या की देवी है इसलिए हम उनसे विद्या और अच्छी अच्छी बाते सीखने की शक्ति मांगते है। सरस्वती मा से हम संगीत का गुण भी मांगते है

Q2.देवी सरस्वती किसका प्रतीक है?

Ans. सरस्वती, ज्ञान और चेतना का प्रतिनिधित्व करती हैं। वे वेदों की जननी हैं और उनके मंत्रों को ‘सरस्वती वंदना’ भी कहते हैं। माना जाता है कि सरस्वती, शिव और देवी दुर्गा की बेटी हैं।

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