जानें मां लक्ष्मी आरती और उसके फायदे
कौन है मां लक्ष्मी? (About Maa Lakshmi)
हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवी हैं मां लक्ष्मी। वह धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी भी कहलाई जाती हैं। वह भगवान विष्णु की पत्नी हैं, जिनकी पूजा को धन, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति में सहायक माना जाता है। माता लक्ष्मी धन और समृद्धि का प्रतीक है। लोग उनकी पूजा धन की प्राप्ति के लिए करते हैं, ताकि उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हो सके।
मां लक्ष्मी “धन की देवी” भी कही जाती हैं। माता लक्ष्मी का नाम संस्कृत में “लक्ष्मी” से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है “लक्ष्य” या “लाभ“। माता का चित्रण हिन्दू पौराणिक कथाओं में मिलता है। उन्हें एक सुंदर महिला रूप में चित्रित किया जाता है, जो हमेशा एक कमल पर बैठी होती हैं और उनके हाथ में धन की पूर्ति को संदर्भित करते हैं। उनके साथ अक्सर हाथ में विभिन्न सामृद्धि की संकेत देने वाले चिन्ह जैसे कि शंख, चक्र, गदा, और कमल होते हैं।
मान्यताओं के अनुसार, सच्चे मन से जो भक्त माता की पूजा करते हैं, उनसे खुश होकर माता उन्हें सौभाग्य और धन का आशीर्वाद देती हैं। मुख्यतः मां लक्ष्मी का आह्वान भक्तजन सप्ताह में शुक्रवार, गुरुवार, वैभव लक्ष्मी व्रत तथा दीपावली में लक्ष्मी पूजन के दिन अधिक करते हैं, जिसके अंतरगत भक्त माता लक्ष्मी की आरती करते है।
क्या है मां लक्ष्मी आरती? (About Maa Lakshmi Aarti)
मां लक्ष्मी आरती माता की पूजा करते समय एक रीति है जिसमें माता लक्ष्मी, धन और समृद्धि की देवी, की पूजा की जाती है। यह पूजा हिन्दू धर्म में विशेष रूप से मनाई जाती है और यह आरती इस पूजा का हिस्सा है। मां लक्ष्मी आरती हिंदी में साधारित रूप से एक धार्मिक गीत है।
सामान्य भाषा में कहा जाये तो, मां लक्ष्मी आरती एक स्तुति है जिसमें उनकी महत्ता और उनके प्रति श्रद्धाभाव का अनुभव होता है। इस आरती के बोल निम्नलिखित हैं:
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥
नोट: अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।
क्या है मां लक्ष्मी आरती के फायदे? (What are the benefits of Maa Lakshmi Aarti?)
मां लक्ष्मी आरती के फायदे मुख्य रूप से उस व्यक्ति या भक्त पर निर्भर करते हैं, जो मां की आरती को कैसे और क्या भावनाओं के साथ गाता है। मां लक्ष्मी आरती के फायदे निम्नलिखित हैं:
- यह आरती भक्ति और श्रद्धा की भावना को बढ़ावा देती है और व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति में मदद कर सकती है।
- मां लक्ष्मी आरती का रोजाना गाना धन और समृद्धि की प्राप्ति में सहायक हो सकता है। इससे वित्तीय स्थिति में सुधार और आर्थिक समस्याओं का समाधान हो सकता है।
- मां लक्ष्मी आरती गाने से परिवार में सद्गुणहीनता और आत्मिक शांति बनी रह सकती है।
- माता की आरती से भक्त को आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है, जिससे भक्त अपनी जीवन की मुश्किलें आसानी से पार कर सकता है।
- लोगों के बीच भाईचारे और समरसता की भावना को बढ़ावा देने के लिए भी मां लक्ष्मी आरती का पाठ किया जा सकता है। इससे सामाजिक सुधार और सामूहिक समृद्धि की कीमती भावनाएं उत्तेजित हो सकती हैं।
मां लक्ष्मी का मंत्र (Maa Lakshmi Mantra)
मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए उनके बीज मंत्र का जाप किया जा सकता है। किसी भी मंत्र का उद्देश्य संबंधित देवी-देवता को प्रसन्न करना होता है ताकि उक्त देवी-देवता की कृपा बनी रहे। माना जाता है कि प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करते समय कमल गट्टे की माला से करना चाहिए। ऐसा करने से ऋणों का बोझ उतर जाता है और माता लक्ष्मी की कृपा दृष्टि आप पर बनी रहती है।
माता लक्ष्मी का बीज मंत्र निम्नलिखित है:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।
FAQs
प्र 1. लक्ष्मी की कितनी रूपें हैं?
उ 1. लक्ष्मी कई रूपों में प्रकट होती हैं, जैसे धन लक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, आदि। प्रत्येक रूप विशिष्ट आशीर्वाद प्रदान करता है।
प्र 2. लक्ष्मी के कुल कितने अवतार हैं?
उ 2. लक्ष्मी के कुल 8 अवतार होते हैं, जिनमें सीता, रुक्मिणी, पद्मा, धन्यलक्ष्मी, आदि शामिल हैं।
प्र 3. लक्ष्मी के पूजन के लिए कौन-कौन सी चीजें आवश्यक हैं?
उ 3. लक्ष्मी पूजा के लिए कुछ मुख्य चीजें हैं जैसे दीपक, रोली, चावल, कुमकुम, फूल, दीप, सुपारी, इलायची, धूप, और नैवेद्य।
प्र 4. लक्ष्मी पूजा की कहानी क्या है?
उ 4. लक्ष्मी पूजा की कई कहानियां हैं, जो धर्मग्रंथों में मिलती हैं। एक प्रमुख कथा है लक्ष्मी-कुबेर पूजा की, जो धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए पूजी जाती है।
प्र 5. लक्ष्मी पूजा की विधि क्या है?
उ 5. लक्ष्मी पूजा की विधि में धार्मिक पाठ, आरती, प्रदक्षिणा, दीप जलाना, मंत्र उच्चारण, और प्रसाद बांटना शामिल होता है।
Note: Stay connected with Devdham Yatra for such Spritual Posts.