सावन माह की कांवड़ यात्रा समाप्त हो गई है और इस वर्ष भी करोड़ों की संख्या में शिवभक्त हरिद्वार गंगाजल लेने पहुंचे।
हरिद्वार: गुरुवार को Kanwar Yatra के मेले का समापन हो गया है और आज शिवालयों में जलाभिषेक किया जा रहा है। मेले के आखिरी दिन डाक कांवड़ यात्री पूरी रात हरिद्वार से जल भरकर बाइकों और बड़े वाहनों से यात्रा करते रहे। इस वर्ष मेले में कुल 4 करोड़ 4 लाख 40 हजार कांवड़ यात्री शामिल हुए हैं।
Kanwar Yatra Uttarakhand 4.4 crore Kanwar pilgrims reached Haridwar
धर्मनगरी हरिद्वार में सावन के महीने आस्था और विश्वास का मेला लगता है। इस दौरान करोड़ों शिव भक्त कांवड़ लेकर गंगा जल लेने हरिद्वार पहुंचते हैं और अपने कलशों में जल भरकर अपने आराध्य शिवालयों की ओर प्रस्थान करते हैं। बीते गुरुवार की शाम 6 बजे तक का आंकड़ा जारी किया गया है, जिसमें पिछले साल चार करोड़ सात लाख कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचे थे।
कांवड़ मेला 22 जुलाई से शुरू हुआ था और आज शुक्रवार को जलाभिषेक किया जाएगा। बृहस्पतिवार की शाम तक धर्मनगरी में 77 लाख कांवड़ यात्रियों ने गंगाजल भरा और अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान कर गए।
हरिद्वार में शिवभक्तों का जन सैलाब
इस बार डाक Kanwar Yatra की भारी भीड़ अंतिम दिन ही देखी गई, जबकि पहले पैदल कांवड़ यात्री चलते रहे। बृहस्पतिवार की रात से नजदीकी जनपदों के यात्री गंगाजल भरकर अपने गंतव्य की ओर रवाना होते रहे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने जानकारी दी है कि इस बार कांवड़ मेले में अब तक 4 करोड़ 4 लाख 40 हजार कांवड़ यात्री पहुंच चुके हैं।
गुरुवार को कांवड़ियों के तीन लाख 38 हजार 277 वाहन भी पहुंचे। इस दौरान छह कांवड़ियों को डूबने से बचाया गया है और तीन की मौत हुई है। आस्था और श्रद्धा का यह महापर्व हर साल लोगों को एक नई ऊर्जा और धार्मिक उन्नति का अहसास कराता है। इस विशाल आयोजन के सफल संचालन में पुलिस और प्रशासन की मेहनत की सराहना की जाती है।
हर साल Kanwar Yatra की संख्या में वृद्धि देखी गई है:
2015: 1.95 करोड़
2016: 2.20 करोड़
2017: 3.70 करोड़
2018: 3.77 करोड़
2019: 3.30 करोड़
2020 & 2021: कोरोना के कारण स्थगित
2022: 3.79 करोड़
2023: 4.07 करोड़
2024: 4.04 करोड़
Haridwar Kanwar Yatra: नदी में उछल-कूद कर रहे थे कांवड़ यात्री, अचानक बढ़ा गंगा का जलस्तर, फंसे 12 कांवड़िये
गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ने से 12 कांवड़ यात्री नदी में फंस गए। पहाड़ों में बरिश के चलते पिछले दो दिन से गंगा में बहुत कम जल छोड़ा जा रहा था। कांवड़ यात्री बड़ी धारा के बीच में घुसकर उछल कूद मचा रहे थे।
इसी बीच शुक्रवार की सुबह बैराज से अचानक पानी छोड़ा गया और बड़ी धारा में करीब 12 यात्री फंस गए। एसडीआएफ और बीईजी सेंटर रुड़की आर्मी के जवानों ने तत्काल कांवड़ियों का रेस्क्यू करना शुरू किए। सभी कांवड़िये सुरक्षित हैं।
प्रशासन ने बृहस्पतिवार की शाम छह बजे तक का ये आंकड़ा जारी किया है। पिछले साल चार करोड़ सात लाख कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचे थे। 22 जुलाई से कांवड़ मेले का आगाज हुआ था। आज शुक्रवार को जलाभिषेक हो रहा है।बृहस्पतिवार को कांवड़ मेले का आखिरी दिन था और आज शुक्रवार को शिवालयों में जलाभिषेक किया जाएगा। आखिरी दिन पूरी रात डाक कांवड़ यात्री हरिद्वार से जलभर बाइकों और बड़े वाहनों से दौड़ते रहे। इस बार मेले में चार करोड़ चार लाख 40 हजार कांवड़ यात्री पहुंचे हैं।
Kanwar Yatra के लिए यूपी-उत्तराखंड समेत 4 राज्यों की फोर्स तैयार, हाईवे बंद होने की डेट से लेकर सब कुछ जानिए
Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां तेज कर दी गईं हैं। मेरठ में मुख्य सचिव और डीजीपी ने बैठक की। बताया गया कि इस बार कांवड़ में डीजे पर गाना पुलिस तय करेगी ताकि भाषा-संगीत अशोभनीय न हो। इस बार हरिद्वार में साढ़े चार करोड़ कांवड़िए जल भरेंगे। ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी होगी।
चार राज्यों ने की Kanwar Yatra की तैयारी
शनिवार को चार राज्यों के अफसरों से भी Kanwar Yatra की प्लानिंग की गई है। गतवर्ष विद्युत लाइन से डीजे यानि म्यूजिक सिस्टम टकराने पर मेरठ में पांच लोगों की मौत हुई थी। डीजे की ऊंचाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यानी पुलिस डीजे पर बजने वाले सॉन्ग और वॉल्यूम भी तय करेगी। कांवड़ मार्ग पर शराब, मांस की दुकानों को बंद किया जाएगा। पुलिसकर्मी सादे में तैनात किए जाएंगे। ड्रोन कैमरों के जरिए कांवड़ मार्ग पर 24 घंटे नजर रहेगी।
उत्तराखंड में इस बार ड्यूटी पर यूपी पुलिस के जवानों को भी लगाया जाएगा, ताकि वह हरिद्वार से ही व्यवस्था बनाकर यूपी में सीमा में कांवड़ियों को प्रवेश कराए। कांवड़ यात्रा के दौरान लगने वाले सीसीटीवी अफसरों के मोबाइलों पर कनेक्ट कर दिए जाएंगे, ताकि अफसर हरिद्वार से लेकर दिल्ली की सीमा तक कांवड़ियों की निगरानी कर सकें।
12 जिले वॉट्सऐप ग्रुप में जुड़े, Kanwar Yatra पांच जोन में बांटी
मेरठ जोन के एडीजी ध्रुव कांत ठाकुर के मुताबिक कांवड़ रूट के सभी 12 जिलों का एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया जाएगा। इसमें हरिद्वार से हर घंटे निकलने वाले शिवभक्तों की जानकारी साझा की जाएगी। पूरी कांवड़ यात्रा को 5 जोन में बांटा जाएगा। जगह-जगह पुलिस नाका रहेंगे। एक नाके पर 20 पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी। हर 5 किमी पर हेल्थ कैंप होगा। सड़क से हटकर शिविर लगेंगे। खोया-पाया शिविर भी रहेगा।
दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान हर राज्य के बॉर्डर पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। डॉग स्क्वायड, बम निरोधक दस्ता, IB, इंटेलिजेंस, LIU की टीम भी एक्टिव रहेगी। कांवड़िए अपने साथ भाले, त्रिशूल या किसी प्रकार का हथियार लेकर नहीं चल सकेंगे। बॉर्डर पर ही कांवड़ियों की चेकिंग होगी। ID कार्ड भी चेक किया जाएगा। इसके बाद कांवड़ रूट पर प्रवेश मिलेगा।