About गोवर्धन पूजा (Govardhan puja)
“गोवर्धन पूजा, भारतीय पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो कृष्ण भगवान के भक्तों द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार दीपावली के एक दिन बाद आता है और उत्तर भारत में विशेष रूप से पूजा जाता है।
इस दिन भक्त गोवर्धन पर्वत के प्रति अपनी भक्ति और आभार दिखाते हैं, जिसका मुख्य परिणाम है कृष्ण भगवान की कृपा प्राप्त करना। गोवर्धन पूजा का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक है और इसे पूरे उत्तर भारत में उल्लास के साथ मनाया जाता है।”
गोवर्धन पूजा हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो कृष्ण भगवान की महिमा को याद करने के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व दीपावली के बाद आता है और उत्तर भारत के कई हिस्सों में उल्लास के साथ मनाया जाता है।इस दिन, भक्त गोवर्धन पर्वत के प्रति अपनी भक्ति और आभार दिखाते हैं. पूजा के दौरान, चरणों के चारणों में अन्न, दूध, घी, और अन्य आहारिक वस्त्र चढ़ाए जाते हैं, इसका सिम्बलिज़्म गोवर्धन पर्वत के रूप में किया जाता है।इस पूजा का महत्व है क्योंकि इसके माध्यम से भक्त अपने भगवान के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण का संकेत देते हैं और कृष्ण भगवान की कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं।गोवर्धन पूजा एक माहौल में धर्मिक और परंपरागत आचरण का परिचय करता है और भक्तों के बीच एकता और सामंजस्य का प्रतीक होता है। यह त्योहार हिन्दू संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और लोग इसे भक्ति और प्रेम के साथ मनाते हैं।
गोवर्धन पूजा 2023 की तिथि | गोवर्धन जी की पूजा कब है? (Govardhan puja 2023 Date)
गोवर्धन पूजा या अन्नकूट, दिवाली के दूसरे दिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है.
गोवर्धन पूजा कितने बजे से है?
इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 नंबर को 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 15 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक है. गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को मनाई जाएगी और पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 18 मिनट से 8 बजकर 43 मिनट तक है. अधिक जानकारी क लिए जाने अपना राज्य से
गोधन पूजा कैसे की जाती है? गोवर्धन पूजा विधि (Govardhan puja vidhi)
गोवर्धन पूजा के लिए घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है. उसे फूलों से सजाकर दीप, नैवेद्य, फल अर्पित किया जाता है. पूजा के बाद गोबर से गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन पूजा और गायों को गुड़ चना खिलाने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैंभगवान श्रीकृष्ण के लिए बनता है छप्पन भोग | What are the 56 dishes of Chappan Bhog?गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण के लिए छप्पन भोग बनाया जाता है. मान्यता है कि माता यशोदा बाल श्रीकृष्ण को एक दिन में आठ बार भोजन कराती थीं. इसलिए सात दिन के लिए आठ पहर के हिसाब से छप्पन तरह के पकवान तैयार किए जाते हैं. छप्पन भोग में मीठे, तीखे, खट्टे सभी तरह के व्यंजन शामिल होते हैं. इसमें चावल, दाल, चटनी, कढ़ी, शरबत, बाटी, मुरब्बा, मठरी, मिठाई, खुरमा, खीर, मक्खन, रबड़ी, मोहन भोग तक शामिल होते हैं.Mohan Bhog : मीठे में बनाएं मोहन भोग, बेहद आसान है रेसिपी | Mohan Bhog Recipe in Hindi
मोहन भोग रेसिपी
सामग्री
- एक कप सूजी
- आधा कप चीनी
- एक कप दूध
- आधा कप घी
- तेजपत्ता
- इलायची पाउडर
- काटू और किशमिश
विधि
- एक बर्तन में दूध, चीनी और इचायची पाउडर को आंच पर चढ़ाकर तब तक उबालें जब तक चीनी घुल न जाए.
- दूसरी कड़ाही में सूजी को सुनहरा होने तक फ्राई करें.
- अब उबले हुए दूध को सूजी में मिलाएं.
- धीमी आंच पर पकाएं.
- ड़ाई फ्रूट्स को घी में भूनें और मोहन भोग के ऊपर सजाएं.
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