चार धाम यात्रा देखते हुए चेक-इन व्यवस्था में कुछ राहत दी गई है ताकि सभी यात्री चार धाम यात्रा में दर्शन कर सकें. खास बात यह है कि स्थानीय लोगों को अब चारण धाम में रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। वहीं, होटल, होम स्टे बुक कराकर आने वाले यात्रियों को ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। दरअसल, कई बार होटल बुकिंग की तारीखों और दर्शन की तारीखों में बदलाव के कारण पर्यटक नहीं आ पाते हैं, इसलिए ऐसी व्यवस्था की गई है. आपको बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड आने वाले सभी यात्री चल्दम जा सकते हैं। बता दें कि 25 दिनों में 22 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री धाम, फिर 25 अप्रैल को श्री केदारनाथ और 27 अप्रैल को श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में आधिकारिक रूप से चार धाम यात्रा शुरू हो जाएगी. चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकारें पुख्ता तैयारी कर रही हैं। इसी क्रम में मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
उत्तराखंड परिवहन विभाग इसके लिए रोडमैप पर भी काम कर रहा है, ताकि परिवहन विभाग को ट्रैवल सीजन में परेशानी न हो। दरअसल, 2022 में 46 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा की थी। सरकार को उम्मीद है कि पिछली बार की तुलना में इस बार अधिक लोग तीर्थ यात्रा करेंगे। ऐसे में परिवहन विभाग और परिवहन कंपनी भी इंतजाम कर रही है।
परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने कहा कि सड़क हादसों को देखते हुए कंडक्टरों की ड्यूटी के घंटों की निगरानी की जाएगी, जबकि टैक्सियों की यात्रा कार्यक्रम कार्ड के माध्यम से निगरानी की जाएगी. 4 धाम पर कोई भी वाहन लगातार नहीं चल सके यह सुनिश्चित करें। चार धाम यात्रा के नोड अधिकारी सुनील शर्मा ने इसकी जानकारी दी।
विभागों और कंपनियों की तैयारी देखिए
1-हरिद्वार से ऋषिकेश के लिए बारी-बारी से गाड़ियां चलेंगी।
2-चालकों का प्रशिक्षण 15 अप्रैल से शुरू होगा।
3-ट्रांजिट कंपनियों के पास 15 अप्रैल तक 200 बसें खरीदने का समय होगा।
4-एसटीए द्वारा निर्धारित दर तालिका प्रत्येक वाहन पर चिपकाई जाएगी।
5-चालक व परिचालक की ड्यूटी के घंटे निर्धारित होंगे।
6- व्यावसायिक वाहनों में ट्रिप वायर के जरिए निगरानी की जाएगी।