चार धामों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर भाई दूज के मौके पर सुबह शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. इस साल बाबा केदार के दर्शन के लिए साढ़े 16 लाख भक्तों की भीड़ उमड़ी. अब अगले 6 महीने बाद मंदिर के कपाट खोले जाएंगे. आइए जानते हैं कि बद्रीनाथ धाम के कपाट कब बंद होंगे.
Kedarnath Dham: उत्तराखंड स्थित केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट रविवार को भाई दूज के मौके पर वैदिक अनुष्ठानों के बीच शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. इस दौरान बड़ी संख्या में तीर्थयात्री, मंदिर समिति और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. अब 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में की जाएगी. कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली की यात्रा निकाली गई.
विश्व प्रसिद्ध 11वें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर को भैयादूज के पावन पर्व पर सुबह 8:30 बजे बंद हो गए. इस दौरान भारतीय सैना के बैंड की भक्तिमय धुनों पर हजारों भक्त झूम उठे. इस साल बाबा केदार के दरबार पर साढ़े 16 लाख भक्तों ने माथा टेका.
बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली
मंदिर समिति के अधिकारियों ने बताया कि केदारनाथ मंदिर सुबह 8:30 बजे और यमुनोत्री मंदिर दोपहर 12:05 बजे बंद कर दिए गए. दोनों धामों के कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ में भगवान शिव और यमुनोत्री की अधिष्ठात्री देवी यमुना की मूर्तियां पालकियों में सवार करके इनके शीतकालीन निवास ऊखीमठ और खरसाली भेजी गईं. केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने का समारोह देखने के लिए 18,000 से ज्यादा तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंचे.
16 लाख भक्तों ने किए बाबा केदार के दर्शन
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि मंदिर के कपाट बंद होने से पहले तड़के चार बजे एक भव्य समारोह शुरू हुआ. बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि चार धाम यात्रा सीजन के दौरान 16.5 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री पूजा-अर्चना के लिए केदारनाथ धाम पहुंचे.
गढ़वाल हिमालय में 11,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यह हर साल लाखों तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थस्थल होता है. मंदिर सर्दी के दौरान बर्फ गिरने के कारण बंद कर दिया जाता है.
कब बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट?
वहीं, मंदिर समिति के एक अधिकारी ने बताया कि यमुनोत्री धाम 3 नवंबर को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:05 बजे बंद कर दिया गया. चार धाम मंदिर में एक गंगोत्री को 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा के दिन बंद कर दिया गया था. इसके अलावा, श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस साल 17 नवंबर को बंद हों जाएंगे.
विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम को ऊं नम: शिवाय, जय बाबा केदार के जय घोष और तथा भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच वैदिक विधि-विधान व धार्मिक परंपराओं के साथ बंद किया गया.
केदारनाथ धाम के कपाट को शीतकाल के लिए बंद कर दिया गया है. आज रविवार यानी 3 नवंबर को भैया दूज पर्व पर सुबह 8.30 मिनट पर 6 महीने के लिए केदारनाथ धाम के कपाट बंद किए गए. इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ मौजूद रही. कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ की डोली यात्रा आर्मी बेंड के साथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना किया गया.
भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच केदारनाथ के कपाट किए गए बंद
विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम को ऊं नमः शिवाय, जय बाबा केदार के जय घोष और तथा भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच वैदिक विधि-विधान व धार्मिक परंपराओं के साथ बंद किया गया. इस दौरान भारी संख्या में मौजूद श्रद्धालु आर्मी की बैंड धुनों पर भक्ति भाव में जमकर झूमते नजर आए.