भगवान शिव की आरती।

भगवान शिव

भगवान शिव (About Shiv Ji):

भगवान शिव, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण देवता में से एक हैं। वे त्रिदेवों के भगवान शिव के रूप में पूजे जाते हैं, जो ब्रह्मा (सृष्टि के देवता), विष्णु (स्थिति के देवता), और शिव (संहार के देवता) के साथ होते हैं। शिव जी को आदियोगी और महायोगी के रूप में भी जाना जाता हैं, और वे आध्यात्मिकता के प्रतीक माने जाते हैं।आईये जाने भगवान शिव की आरती।

भगवान शिव की आरती।
God Shiva Image

शिवजी, भारतीय सनातन धर्म के एक महत्वपूर्ण देवता हैं। वे त्रिदेवों के एक रूप में माने जाते हैं और उन्हें सृष्टि, स्थिति और संहार के देवता के रूप में जाना जाता है। शिवजी को अनेक नामों से पुकारा जाता है, जैसे महादेव, नीलकंठ, रुद्र, भोलेनाथ, शंकर, आदि।

भगवान शिव का चित्रण एक त्रिशूल और दमरू (एक छोटा ड्रम) पकड़े हुए, नीले जल के भरे भले जटाओं वाले भगवान के रूप में होता हैं। वे आध्यात्मिकता और योग के देवता माने जाते हैं और ध्यान और तप के सिद्ध मार्ग का प्रमुख प्रवर्तक रहे हैं।

भगवान शिव की आरती (Bhagwan Shiv ki Aarti):

जय शिव ओंकारा, हर जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, महेश, भगवान शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन, पंचानन राजे। हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥

दो भुज, चार चतुर्भुज, दस भुज धारी। कानन कुण्डल नागफणी, चारु मुकुट शोभित।

जाके बल से गिरिवर कांपते, भूत पिशाच निकट नहिं आवते। महाकाल रूप महाकाली, कालकाल रूप महाकाल बले॥

पार्वती शंकर आरती, कीजै नाथ हृदय महं बशिश्ठ॥ आरती करत अनुराधा, पार्वती, संतन प्रगट भाग्य जगात॥

जय शिव ओंकारा, हर जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, महेश, भगवान शिव ओंकारा॥

आरती कीजै ज्योति ज्वाला, जोड़ि नाग ज्योति ज्यों का ज्वाला। शेवट नाग कुण्डल त्रिशुलामणि, जो कोई नर तुमको ध्यावै॥

जो कोई शंकर को बार बार, पाठ कर कै चित्त लावै। महाकाल के भवन में, नित लगैं, है वही भगति भावना॥

चालीसा या अष्टक हो, पाठ करै, पढ़ै पुराण श्रावण कुंडल कांच का भूषण॥ कार मध्ये बैठ कर ब्रह्मा विष्णु महेश, ज्यों त्रिमूर्ति ध्यान धरत चल रथ ज्यों जलिंग छाव आवै॥

जय शिव ओंकारा, हर जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, महेश, भगवान शिव ओंकारा॥

आरती श्री शंकरजी की, पार्वतीजी ज्ञान-गुण सागर॥ ज्ञानगुण सागर, ज्ञानगुण सागर, भूत-पिशाच निकट नहिं आवतरे॥

जय शिव ओंकारा, हर जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, महेश, भगवान शिव ओंकारा॥

भगवान शिव की आरती।
God Shiva With Mata Parvati

भगवन शिव के श्लोक (Bhagwan Shiv Ke Shlok):

  1. ॐ नमः शिवाय” – यह महामृत्युंजय मंत्र है और भगवान शिव की प्रशंसा में प्रयोग किया जाता है।
  2. “करचरण कृतं वाक्-कायजं कर्मजं वा। श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं। विहितमविहितं वा सर्वमेतत् क्षमस्व। जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥” – यह श्लोक भगवान शिव की कृपा का प्रार्थना करता है।
  3. “नमः शिवाय च शिवतराय च” – यह एक प्राचीन मंत्र है और शिव की पूजा के समय पठा जाता है।
  4. “त्रयम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।” – यह महामृत्युंजय मंत्र है और शिव जी की प्रशंसा के लिए प्रसिद्ध है।
  5. “अरुणाचल शिवाय नमः” – यह शिव के एक प्रसिद्ध नाम का जाप है, और भक्तों द्वारा उनकी आराधना के समय प्रयोग किया जाता है।

ये श्लोक और मंत्र भगवान शिव की पूजा और उपासना में उपयोग किए जाते हैं और उनके भक्तों द्वारा नित्य जपे जाते हैं।

भगवान शिव और केदारनाथ मंदिर:

भगवान शिव और केदारनाथ मंदिर दोनों ही भारतीय सनातन धर्म के महत्वपूर्ण स्थल हैं, जो भगवान शिव को समर्पित हैं।

केदारनाथ हिमाचल प्रदेश के उत्तराखंड राज्य में स्थित एक महत्वपूर्ण पिलग्रिम स्थल है जो भारत के उत्तरी भाग में हिमालय पर्वतों के पास स्थित है। यह हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और भगवान शिव के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।

केदारनाथ मंदिर शिवपुराण में उल्लिखित है और यह पंच केदारों में से एक है, जिनमें भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह स्थल हिन्दू धर्म के बहुत बड़े तीर्थों में से एक है और चार धाम यात्रा का भी हिस्सा है।

केदारनाथ के मंदिर का वास्तुकला भारतीय संस्कृति और शैली का अद्वितीय उदाहरण माना जाता है, और यह पिलग्रिम्स के बीच एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है।

केदारनाथ का सुंदर परिवेश और व्यापक हिमालय की प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है, और यह यात्रियों के लिए आध्यात्मिक और पर्वतीय पर्यटन का अच्छा स्थल है।

केदारनाथ का मौसम ठंडा रहता है और यह मुख्य रूप से मई से सितंबर के बीच ही खुलता है क्योंकि पर्वतीय क्षेत्र में बर्फ और ठंड से प्रभावित होता है।

केदारनाथ मंदिर की यात्रा के पैकेज की जानकारी और विवरण के लिए जुड़े रहे Devdham yatra से।

भगवान शिव की आरती।
Image Represent :God Shiva

FAQs:

Q1: शिव के गुण क्या हैं?

A1: शिव के गुणों में तापस्य, ध्यान, आत्मा की अद्भुतता, और परम तपस्वी के रूप में उनकी विशेषताएँ शामिल हैं।

Q2: शिव की पत्नी कौन हैं?

A2:शिव की पत्नी पार्वती हैं। वे देवी दुर्गा, काली, सती, और अन्य रूपों में भी प्रसिद्ध हैं.

Q3: शिव के परिवार में कौन-कौन हैं?

A3: शिव और पार्वती के दोनों पुत्र हैं – गणेश और कार्तिकेय (स्कंद). उनके साथ ही अन्य देवताओं और देवियों के साथ भी जड़े हैं।

Q4: महाशिवरात्रि क्या है?

A4:महाशिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित होने वाला हिन्दू त्योहार है, जिसे फाल्गुण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है।

Q5: शिव और विष्णु में क्या अंतर है?

A6: शिव और विष्णु दोनों ही महत्वपूर्ण हिन्दू देवताएं हैं, लेकिन उनके स्वभाव और कार्यक्षेत्र में अंतर है। शिव को समर्पित भक्ति शांति और आत्मा की उन्नति के लिए कहा जाता है, जबकि विष्णु भगवान की संरक्षणा और सृजनात्मक शक्ति को प्रतिष्ठित करते हैं।

Q6: शिवलिंग क्या है?

A6: शिवलिंग शिव की प्रतीका होती है, जिसे पूजा और समर्पण के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक अद्वितीय आकृति होती है जिसे शिव की परमात्मिक शक्ति का प्रतीक माना जाता है.

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