10 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। 12 मई को बदरीनाथ धाम श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा। इस बार चारधाम यात्रा Chardham Yatra पर पिछले साल की तुलना में ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बार मैनुअल रजिस्ट्रेशन के लिए आठ काउंटर खोले जा रहे हैं।
हाइलाइट्स Chardham Yatra
- चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत आज से
- बगैर पंजीकरण किसी यात्री को चारधाम पर आने की अनुमति नहीं
- 10 मई को केदारनाथ तो 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे
देहरादून: उत्तराखंड में 10 मई से चारधाम यात्रा Chardham Yatra का आगाज हो रहा है। केदारनाथ के कपाट 10 मई, बदरीनाथ के कपाट 12 मई, गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट अक्षय तृतीया को खुलेंगे। सोमवार से चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो गई है। इस बार यात्रियों के रजिस्ट्रेशन की पर्ची पर जरूरी मोबाइल नंबर भी लिखे मिलेंगे। मैनुअल रजिस्ट्रेशन के लिए आठ काउंटर खोले जा रहे हैं। इस बार किसी भी यात्री को बगैर पंजीकरण चारधाम Chardham Yatra पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसलिए चारधाम जाने वाले श्रद्धालु अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें।
श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/chardham-yatra-uttarakhand.php पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके बाद Chardham Darshan Live पर क्लिक करें। यहां से https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/signin.php पर जाकर डिटेल भरें।
श्रद्धालुओं की सुविधा के पूरे इंतजाम
उत्तराखंड के पर्यटन एवं धर्मस्य मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि चारधाम यात्रा में अबकी बार काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। इसे देखते हुए संबंधित विभागों को यात्रा की तैयारी समय पर पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। चारधाम यात्रा Chardham Yatraकी तैयारी के लिए पर्यटन विभाग की तरफ से गढ़वाल मंडल आयुक्त को 5 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। इस राशि को केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों को बेहतर व्यवस्थाएं देने पर खर्च किया जाना है।
चारधाम यात्रा Chardham Yatra पैकेज के बारे में
भारत के उत्तराखंड में चार तीर्थस्थल यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को कुल मिलाकर चारधाम या छोटा चारधाम कहा जाता है। चारधाम यात्रा उत्तर भारत के उत्तराखंड में सबसे लोकप्रिय तीर्थयात्राओं में से एक है। चारधाम यात्रा यमुनोत्री से शुरू होकर गंगोत्री, केदारनाथ से अंत में बद्रीनाथ तक होती है। चारधाम यात्रा यात्रा कुल 10 दिन लंबी हो सकती है।
चारधाम यात्रा Chardham Yatra मंदिर
यमुनोत्री धाम : देवी यमुना को समर्पित है। यमुनोत्री धाम चारधाम यात्रा का पहला पड़ाव है। ऐसा माना जाता है कि इसके जल से स्नान करने से हमारे सभी पाप धुल जाते हैं।
गंगोत्री धाम : देवी गंगा को समर्पित है। गंगोत्री धाम वह नदी है जो गौमुख में गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है।
केदारनाथ धाम : केदारनाथ धाम भगवान शिव को समर्पित है और पंच केदार में भी शामिल है। केदारनाथ धाम सबसे दूरस्थ स्थानों में से एक पर स्थित है और माना जाता है कि इसका निर्माण पांडवों ने किया था। यह मंदिर प्रकृति के कठोर इलाकों में भी मजबूती से खड़े रहने की अपनी क्षमता के कारण एक वास्तुशिल्प चमत्कार है।
बद्रीनाथ धाम: भगवान विष्णु को समर्पित है। आदि शंकराचार्य को अलकनंदा नदी में भगवान बद्री की मूर्ति मिली और उन्होंने इसे तप्त कुंड के पास एक गुफा में स्थापित कर दिया। एक गढ़वाल राजा ने मंदिर बनवाया जिसे बद्रीनाथ धाम के नाम से जाना जाता है।
Visit on our website for Chardham Yatra Package
For more packages visit us on Devdham Yatra
Frequently Asked Questions (FAQs)
Question 1 . Can senior citizens undertake the Chardham Yatra?
Answer 1. Yes, senior citizens can undertake the Chardham Yatra with proper medical clearance and precautions. It’s advisable to consult a physician before planning the journey.
Question 2. Are there helicopter services available for Chardham Yatra?
Answer 2. Yes, helicopter services are available for Chardham Yatra, offering a convenient and time-saving alternative for pilgrims. However, booking in advance is recommended due to high demand.
Question 3. What is the significance of each shrine in Chardham Yatra?
Answer 3. Each shrine holds unique significance: Yamunotri is dedicated to Goddess Yamuna, Gangotri to Goddess Ganga, Kedarnath to Lord Shiva, and Badrinath to Lord Vishnu.