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मां दुर्गा जी आरती: एक आद्य शक्ति

मां दुर्गा

मां दुर्गा जी एक आद्य शक्ति (About Maa Durga) दुर्गा मां

मां दुर्गा की आरती: एक आद्य शक्ति
Maa Durga Image

माता दुर्गा , हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें आद्य शक्ति के स्वरूप में पूजा जाता है। माता दुर्गा  पार्वती के रूप में भी जानी जाती हैं और आद्य शक्ति के सबसे प्रतिष्ठित रूपों में से एक हैं। मां दुर्गा जी की पूजा और भक्ति हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है, और उन्हें नावरात्रि जैसे पावन त्योहारों पर खास रूप से पूजा जाता है.

मां दुर्गा जी का चित्रण आद्य शक्ति, शक्ति, और सौभाग्य की प्रतीक होता है। मां दुर्गा जी आद्यमाता के रूप में धारण की जाती हैं, जो आद्य शक्ति का प्रतीक होता है और सभी जीवों की रक्षा करने वाली हैं. मां दुर्गा जी के पास दस हाथ होते हैं, और हर हाथ में एक विभिन्न प्रकार की शस्त्र होता है, जो उनकी असीम शक्तियों का प्रतीक है.

 

मां दुर्गा जी आरती एक आद्य शक्ति (Maa Durga Aarti)

मां दुर्गा जी आरती: मां दुर्गा जी की आरती वह पावन प्रार्थना है जो हमें आद्य शक्ति, मां दुर्गा के प्रति अपनी अद्वितीय भक्ति और समर्पण का अहसास कराती है। यह आरती न केवल भगवान के प्रति हमारी श्रद्धा का परिचय देती है, बल्कि हमें उनके अद्वितीय गुणों का आदर करने का अवसर भी प्रदान करती है।

मां दुर्गा की आरती: एक आद्य शक्ति
Mata Durga Ji

माता दुर्गा  जी आरती का पाठ करने और गाने से हम आद्य शक्ति के साथ हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और आद्यतन शांति की प्राप्ति के लिए अपने आत्मा को संबोधित करते हैं। मां दुर्गा जीआरती के माध्यम से, हम मां दुर्गा के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं और उनके आद्य स्वरूप की महिमा का गान करते हैं।

मां दुर्गा

माता दुर्गा  जी आरती को नियमित रूप से पढ़ने और गाने से हम अपने जीवन को आद्य शक्ति के प्रति अधिक समर्पित करते हैं और हमें उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने में सहायता मिलती है। यह आद्य शक्ति के प्रति हमारी गहरी आस्था और प्रेम का प्रतीक है, और हमारे जीवन में उसकी आद्यतन शक्ति को आकर्षित करता है।मां दुर्गा जी आरती एक पावन गीत है जिसमें हम आद्य शक्ति, मां दुर्गा के सामंजस्यपूर्ण स्वरूप, और उनकी अत्यंत कृपा का भजन करते हैं। यह गीत हमें मां दुर्गा के पावन चरणों का समर्पण करने की महत्वपूर्णता याद दिलाता है और हमारे जीवन को उनकी आद्य शक्ति से जोड़ता है।

मां दुर्गा जी आरती का पाठ करने से हम अपने मन, वचन, और क्रिया को एक साथ लाकर आद्य शक्ति के प्रति हमारे समर्पण की अभिवादन करते हैं। इस आरती के बोल हमारे आंतरिक शांति और आनंद का अहसास कराते हैं, जब हम उनकी पूजा करते हैं।

मां दुर्गा जी आरती का पाठ न केवल आध्यात्मिक उन्नति के दिशा में मदद करता है, बल्कि हमें अपने दैनिक जीवन में साहसी और समर्पित बनने की प्रेरणा देता है। यह आरती हमें सही मार्ग पर चलने की दिशा में मार्गदर्शन करती है और हमें आद्य शक्ति के आशीर्वाद को प्राप्त करने का माध्यम प्रदान करती है।

इसी तरह, मां दुर्गा जीआरती हमारे जीवन को उच्च आद्यात्मिक साधना की दिशा में प्रगल्भ करती है और हमें मां दुर्गा की कृपा, प्रेम, और आद्यतन शक्ति के साथ जुड़ने का मौका देती है। यह गीत हमारी आत्मा के साथ गहरा जुड़ाव बढ़ाता है और हमारे जीवन को आद्य शक्ति के साथ भर देता है.

Jai Maa Durga

मां दुर्गा की आरती(Maa Durga Aarti)

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
जय अम्बे गौरी
माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥
जय अम्बे गौरी

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥
जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
जय अम्बे गौरी

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
जय अम्बे गौरी

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥
जय अम्बे गौरी

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥
जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥
जय अम्बे गौरी

भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
जय अम्बे गौरी
कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥
जय अम्बे गौरी

श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥
जय अम्बे गौरी

नोट अधिक जानकारी के लिए 

FAQ 

Q1: माता दुर्गा  जी की आरती क्या है?

A1: माता दुर्गा की आरती एक धार्मिक रीति है जिसमें भगवान दुर्गा के गुणों की प्रशंसा की जाती है और उनके चरणों में आवगमन की प्रार्थना की जाती है.

Q2  माता दुर्गा  जी की आरती का महत्व क्या है?

A2: माता दुर्गा  जी की आरती का पाठ करने से भक्त उनकी कृपा प्राप्त करते हैं और आनंदित होते हैं. यह आरती भक्ति और पूजा का महत्वपूर्ण हिस्सा है और मन, वचन, और क्रिया के साथ भगवान की सेवा का अभिवादन करती है.

Q3  माता दुर्गा  जी आरती का पाठ नियमित रूप से किया जाना चाहिए?

A3: माता दुर्गा आरती का पाठ नियमित रूप से किया जाना चाहिए. यह भक्ति और आध्यात्मिक विकास में मदद करता है, और व्यक्ति को आंतरिक शांति प्राप्त करने में मदद करता है.

Q4  माता दुर्गा की आरती के क्या फायदे होते हैं?

A4: माता दुर्गा  आरती का पाठ आत्मा को शुद्ध करता है, सुख और शांति प्रदान करता है, और मां दुर्गा जी की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है.

 

 

 

 

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