चारधाम यात्रा २०२३ का न्यूज़ अपडेट।
मंगलवार की सुब्हे गढ़वाल आयुक्त श्री सुहिल कुमार ने ऋषिकेश के सभी विभागों के अधिकारिओ से चारधाम यात्रा की शुरुआत के लिए पहली बैठक की और बैठक में चारधाम यात्रा के पंजीकरण को ले कर एक महेत्व्पूर्ण निरनेय लिया गया है। मंगलवार की बैठक में ये तय किया गया की चारधाम यात्रा के पंजीकरण २० फरवरी से आरम्भ कर दिए जायंगे।
केदारनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री और बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख की घोषणा के साथ ही प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थलों पर तैयारी जोरों पर है। इस साल उत्तराखंड सरकार यात्रा को सुगम बनाने के लिए नए इंतजाम कर रही है।
18 फरवरी को मनाई जाएगी महा शिवरात्रि।
इस साल महा शिवरात्रि 18 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि के दिन माता पारवती और शिव जी के विवाह की वर्षगांठ मनाई जाती है। महाशिवरात्रि के दिन शिवजी के भक्त उपवास रखते है जिससे की शिवजी उनकी हर मनोकामना पूरी करें। महाशिवरात्रि की पूजा मध्यरात्रि में करे जाने का विधान है।
महाशिवरात्रि 2023 के ५ शुभ महूरत।
- प्राते 8:22 – 9:46 तक शुभ का चौघड़िया है।
- दोपहर 2:00 – 3:24 तक लाभ का चौघड़िया है।
- दोपहर 3:24 – 4:49 तक अमृत का चौघड़िया है। (यहे काल शिवजी की पूजा के लिए बहुत हे फलदाई और लाभकारी होता है।)
- शाम 6:13 – 7:48 तक महादेव उपासना का महूरत है।
- 18 फरवरी को रात 10:58 से लेकर 19 फरवरी को रात 1:36 बजेतक निशिता काल मुहूर्त।
महाशिवरात्रि की पूजा विधि।
- महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर तीन पत्तों वाला बेलपत्र जरूर चढ़ाएं।
- घर में पूजा करने पर नदी या सरोवर की मिट्टी से 108 शिवलिंग बनाएं और फिर उनका दूध, गंगाजल, शहद, दही, से अभिषेक करें।
- शिवरात्रि की पूजा के समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
शिवजी और माता पारवती की प्रेम गाथा।
शिवरात्रि के दिन शिवजी और माता पारवती का महामिलन हुआ था इसलिए इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। माता पारवती ने शिवजी को अपने पति के रूप में पाने के लिए १०७ बार जनम लिया था और फिर कई हज़ार साल तपस्या करने के बाद एक सो आठवे जनम में शिवजी ने माता पारवती को पत्नी के रूप में सवीकार किया था।