Uttarakhand Char Dham Yatra: चार धाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी कड़ी में पुलिस महानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी को यात्रा प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
Uttarakhand News Today: उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा को सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए यात्रा प्रबंधन की एक विस्तृत योजना पर काम कर रही है. इसी के तहत दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को चार चरणों में शुरू करने का फैसला किया गया है. इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली और उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि होने की संभावना है.
खासतौर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम जाने वाले श्रद्धालु देहरादून होते हुए आगे की यात्रा करेंगे, जिससे यातायात प्रबंधन की नई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं. सरकार ने इन चुनौतियों को देखते हुए पहले से ही मास्टर प्लान तैयार करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है.
चारधाम यात्रा के लिए पुलिस महानिरीक्षक (IG) अरुण मोहन जोशी को यात्रा प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्होंने यातायात निदेशालय के सहयोग से यात्रा मार्ग, भीड़ प्रबंधन और ठहरने की सुविधाओं को व्यवस्थित करने के लिए विस्तृत रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
इस योजना के तहत 189 किलोमीटर लंबे दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को चार चरणों में खोला जाएगा, जिससे चरणबद्ध तरीके से यातायात को नियंत्रित किया जा सके.
1. पहला चरण – दिल्ली से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) जंक्शन तक (करीब 14 किलोमीटर) का मार्ग फरवरी 2025 में शुरू किया जाएगा.
2. दूसरा चरण – ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जंक्शन से सहारनपुर (136 किलोमीटर) का हिस्सा मई 2025 तक पूरा किया जाएगा.
3. तीसरा चरण – सहारनपुर से गणेशपुर, देहरादून तक (19 किलोमीटर) का मार्ग अगले कुछ महीनों में चालू कर दिया जाएगा.
4. चौथा चरण – गणेशपुर से देहरादून (20 किलोमीटर) का मार्ग फरवरी 2026 तक पूरा किया जाएगा.
एक्सप्रेसवे से घटेगा यात्रा समय
इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से देहरादून आने वाले यात्रियों को यात्रा में काफी सहूलियत मिलेगी. यात्रा का समय भी घटकर 2.5 घंटे रह जाएगा, जिससे तीर्थयात्रियों की संख्या में काफी वृद्धि होने की संभावना है.
चारधाम यात्रा के दौरान यात्री प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण एक बड़ी चुनौती होती है. वर्ष 2024 में गंगोत्री और यमुनोत्री में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के कारण स्थिति काफी जटिल हो गई थी. इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार यात्रा को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष रणनीति अपनाई जा रही है.
आईजी अरुण मोहन जोशी को यात्रा प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है और उन्होंने पुलिस अधीक्षक (SP) लोकजीत सिंह को चारधाम यात्रा का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है. अब यात्रा से पहले अलग-अलग मार्गों का निरीक्षण कर यात्रियों के ठहरने और यातायात नियंत्रण के लिए पूरी योजना बनाई जा रही है.
दिल्ली के वाहनों के लिए मास्टर प्लान
केंद्रीय राजधानी दिल्ली से देहरादून और फिर चारधाम यात्रा मार्गों पर जाने वाले वाहनों को अलग-अलग रूटों पर डायवर्ट करने की योजना बनाई जा रही है.
एक्सप्रेसवे के कारण अचानक तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है, इसलिए पुलिस और यातायात निदेशालय ने पहले से ही यात्रा मार्गों को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
यात्रियों के लिए खास इंतजाम
देहरादून और विकासनगर रूट से गंगोत्री और यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों के लिए आकस्मिक ठहराव की व्यवस्था की जा रही है. देहरादून जिले में 10 स्थानों को चिह्नित किया गया है, जहां यात्रियों के ठहरने और खाने-पीने की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके अलावा परिवहन और पर्यटन विभाग को विशेष चेकिंग प्वाइंट बनाने के लिए पत्र भेजा गया है.
NHAI को भेजा गया पत्र
आईजी अरुण मोहन जोशी ने NHAI को पत्र लिखकर मई 2025 से पहले एक्सप्रेसवे को शुरू करने की अपील की है, जिससे चारधाम यात्रा को सही तरीके से प्रबंधित किया जा सके. चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था और जाम की स्थिति से बचने के लिए विशेष रणनीति तैयार की गई है.
पुलिस अधीक्षक लोकजीत सिंह ने देहरादून और विकासनगर के मार्गों का निरीक्षण कर यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए प्लान तैयार किया है. दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को किस रूट से भेजा जाएगा, इस पर यातायात निदेशालय अभी से काम कर रहा है. अगर एक ही समय में तीर्थयात्रियों की संख्या अचानक बढ़ जाती है, तो उन्हें सही मार्ग पर भेजने के लिए पुलिस और यातायात विभाग पूरी तरह तैयार रहेगा.
ट्रैफिक जाम के लिए प्लान तैयार
दिल्ली- देहरादून एक्सप्रेसवे का कार्य लगभग पूरा हो चुका है. चार चरणों में इसे शुरू करने की योजना बनाई गई है. इससे बड़ी संख्या में तीर्थयात्री देहरादून होते हुए गंगोत्री और यमुनोत्री जाने के लिए पहुंच सकते हैं. ट्रैफिक जाम न हो और तीर्थयात्रियों को परेशानी न हो, इसके लिए एक व्यापक योजना तैयार की जा रही है.
यात्रियों के ठहरने के लिए अलग-अलग जिलों से रिपोर्ट मंगाई गई है. देहरादून जिले में 10 स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां तीर्थयात्रियों के रुकने और भोजन की समुचित व्यवस्था होगी. परिवहन और पर्यटन विभाग को भी पहले से चेकिंग प्वाइंट बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं.
चारधाम यात्रा को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए प्रशासन पहले से ही व्यापक रणनीति बना रहा है. दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के शुरू होने से तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी, इसलिए भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.