केदारनाथ में खराब मौसम के बावजूद कई श्रद्धालुओं में बाबा केदार के दर्शन के लिए काफी उत्साह नज़र आया । कपाट खुलने पर हजारों की संख्या में लोग बाबा केदार के जयकारे के साथ धाम पहुंचे। छानी कैंप से केदारनाथ धाम तक जाने वाले पैदल रास्ते में काफी बर्फ है। बड़ी लिनचोली से केदारनाथ धाम तक श्रद्धालुओं के रुकने के लिए जगह-जगह पंडाव पर प्राइवेट टेंट का प्रबंध किया गया है। गढ़वाल मंडल विकास निगम ने भी दो हजार लोगों के ठहरने का प्रबंध किया है।
मौसम विभाग की तरफ़ से बारिश और हिमपात का पूर्वानुमान जारी करने और सरकार की अपील के बावजूद लगभग आठ हजार लोग विशेष यात्रा के लिए केदारनाथ पहुंचे। छोटी लिनचोली से पैदल मार्ग ठीक है। परन्तु छानी कैंप से केदारनाथ धाम जाने वाले रास्ते पर बर्फ जमी हुई है। रास्ते में चल रहे लोग बर्फ देखकर काफी उत्साहित नज़र आए।
सोमवार को प्रातः सात बजे से ही श्रद्धालु सोनप्रयाग से केदारनाथ यात्रा शुरू करने लगे थे। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, ज्यादा से ज्यादा लोग उनसे जुड़ते गए जिससे गौरीकुंड, जंगलचट्टी, भीमबली, छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली और केदारनाथ धाम जैसे विभिन्न स्थानों की रौनक बढ़ती रही। श्रद्धालुओं ने रास्ते में बाबा के जयकारे और धार्मिक गीत गाए । भले ही मौसम अच्छा नहीं था, पर लोगों के चेहरों पर अलग ही उत्साह नज़र आया ।
दिल्ली से आए राकेश जौहर, मधु जौहर और गीता सोनी द्वारा पता चला कि वह 20 अप्रैल को ऊखीमठ पहुंच गए थे और वहाँ से वह बाबा की डोली के साथ धाम के लिए चले। पिछले 38 सालों से राकेश जौहर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर हमेशा यहाँ पहुंचते हैं। उड़ीसा से पीके शर्मा और देवाशीष नाम के दो युवक पहली बार बाबा के दर्शन के लिए आए। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा जैसे विभिन्न राज्यों से कई लोग बाबा के दर्शन के लिए केदारनाथ आ रहे हैं।
गढ़वाल मंडल विकास निगम ने केदारनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए नंदी कैंप, हिमलोक, सुमेरु में अतिथि गृहों में व टेंट लगा कर दो हजार लोगों के रुकने का प्रबंध किया है। इसके अतिरिक्त भीमबली, छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली व अन्य पड़ाव और केदारनाथ धाम में श्रद्धालु निजी टेंट और अतिथि गृहों में ठहरे हुए हैं।
केदारनाथ धाम में जितने भी भक्त पहुंचे हैं उनके रुकने और खाने के लिए पूरे इंतेज़ाम किये गए हैं। केदारनाथ धाम में स्थानीय लोगों द्वारा सभी श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए टेंट लगाए गए हैं।