चारधाम यात्रा Chardham yatra की शुरूआत में दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही थी. हाल यह था कि सरकार को पंजीकरण पर रोक लगानी पड़ी थी. कई वीडियो सामने आ रहे थे, जिसमें देखा जा रहा था कि यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं के पैर रखने की जगह भी नहीं है लेकिन बारिश के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या में अब कमी आने लगी है.
ऋषिकेश. मानसून की दस्तक के साथ ही उत्तराखंड में झमाझम बारिश हो रही है. इस बारिश का असर चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2024) पर भी पड़ रहा है. राज्य के प्रमुख तीर्थ स्थलों गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आई है. आमतौर पर प्रतिदिन 15 हजार यात्री इन पवित्र स्थलों की यात्रा करते थे, लेकिन अब यह आंकड़ा घटकर मात्र 1500 रह गया है. मानसून के चलते हो रही भारी बारिश और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने यात्रा को काफी चुनौतीपूर्ण बना दिया है.
चारधाम यात्रा Chardham yatra की शुरूआत में दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही थी. हाल यह था कि सरकार को पंजीकरण पर रोक लगानी पड़ी थी. कई वीडियो सामने आ रहे थे, जिसमें देखा जा रहा था कि यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं के पैर रखने की जगह भी नहीं है लेकिन बारिश के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या में अब कमी आने लगी है. तीर्थयात्री असुरक्षित मौसम के कारण अपनी यात्रा स्थगित कर रहे हैं या रद्द कर रहे हैं. सड़कों पर पानी भर जाने, रास्तों के अवरुद्ध होने और भूस्खलन की घटनाओं ने यात्रा मार्गों को जोखिमपूर्ण बना दिया है. प्रशासन भी लगातार मौसम की स्थिति पर नजर बनाए हुए है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी कर रहा है. आपातकालीन सेवाओं को तैयार रखा गया है ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके.
चारधाम यात्रा Chardham yatra का पीक सीजन मई और जून
चारधाम यात्रा Chardham yatra पर मानसून का यह असर श्रद्धालुओं और स्थानीय व्यवसायियों, दोनों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि इससे धार्मिक पर्यटन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. चारधाम यात्रा Chardham yatra का पीक सीजन मई और जून में रहता है. जुलाई में बरसात शुरू होने के साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखने को मिलती है. वहीं बीते शुक्रवार से धामों में दोपहर बाद श्रद्धालुओं की कोई लाइन नहीं लग रही है. मानसून का असर यात्रा पर साफ दिखने लगा है. बारिश होने और बार-बार हाईवे बंद होने से बद्रीनाथ धाम की तीर्थयात्रा बेहद कम हो गई है.