Chardham Yatra 2024 चारधाम यात्रा अपने समापन की ओर बढ़ रही है लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। सोमवार को 27 हजार 789 तीर्थयात्रियों ने चारधाम के दर्शन किए। केदारनाथ में 11 हजार 309 बद्रीनाथ में 6644 गंगोत्री में 2406 और यमुनोत्री में 3290 यात्रियों ने दर्शन किए। इस यात्राकाल में अब तक कुल 40 लाख 92 हजार 360 यात्री चारधाम दर्शन कर चुके हैं।
संवाद सहयोगी जागरण, रुद्रप्रयाग। Chardham Yatra 2024: चारधाम यात्रा फिर जोर पकड़ गई है। केदारनाथ धाम में दर्शनार्थियों की लंबी लाइन लग रही है। सोमवार 14 अक्टूबर को 27 हजार 789 तीर्थयात्रियों ने चारधाम दर्शन किए।
केदारनाथ की यात्रा कठिन और चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद यहां सबसे अधिक 11 हजार 309 यात्री केदार भगवान के दर्शन को पहुंचे। इसी प्रकार बदरीनाथ में 6644, गंगोत्री में 2406 और यमुनोत्री में 3290 यात्रियों ने दर्शन किए। इस यात्राकाल में अब तक कुल 40 लाख 92 हजार 360 यात्री चारधाम दर्शन कर चुके हैं।
सीएम धामी का कुशल यात्रा प्रबंधन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल यात्रा प्रबंधन और सतत निगरानी के चलते केदारघाटी की आपदा भी यात्रियों के उत्साह को नहीं डिगा पाई है। यात्रा मार्ग और पड़ावों में सुरक्षा प्रबंध और सभी व्यवस्थाएं बेहतर होने से यात्रियों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। उत्साह से लबरेज यात्रियों ने इसके लिए मुक्त कंठ से सरकार के प्रयासों को सराहा है।
उनका कहना है कि 31 जुलाई की रात को अतिवृष्टि ने केदारघाटी में जिस प्रकार से तबाही मचाई थी, उस स्थिति में पैदल मार्ग को बहाल करना आसान नहीं था। सरकार ने इस कठिन चुनौती को स्वीकार करते हुए यात्रा को जल्द से जल्द बहाल किया। अब अगले माह चारों धामों के कपाट बंद होने वाले हैं, इसलिए यात्रियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।
सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं। यात्रियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं। चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है।
राज्य में आज जिस तेजी के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए हमें यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा। इसकी कवायद भी शुरू कर दी गई है। इस बार केदारघाटी आपदा के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का भी दृढ़तापूर्वक सामना कर केदार यात्रा को बहाल किया।
31 जुलाई की केदारनाथ आपदा में क्षतिग्रस्त योजना पर 48 करोड़ से हो रहा निर्माण
रुद्रप्रयाग: गत 31 जुलाई को केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई आपदा में क्षतिग्रस्त विभिन्न योजनाओं के लिए प्रदेश सरकार ने अबतक 48 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं। जिसमें पचास फीसदी कार्य भी हो चुके हैं। वहीं केदारघाटी के विभिन्न विकास योजनाओं के लिए 1389.75 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है।
जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि गत 31 जुलाई को केदार घाटी में हुई अतिवृष्टि के बाद विभिन्न परियोनाएं क्षतिग्रस्त होने के साथ ही लोगों की आजीविका भी प्रभावित हुई है। कई स्थानों पर सड़क एवं पैदल यात्रा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए थे जिससे प्राथमिक सुविधाओं की आपूर्ति तक केदारघाटी में प्रभावित हो गई थी।
वहीं भारी बारिश एवं नदी के बड़े हुए वेग पुनर्स्थापना एवं निर्माण कार्यों में बाधा डाल रहे थे बावजूद इसके शासन एवं सरकार के उचित मार्गदर्शन व सहयोग के कारण विपरीत परिस्थितियों को पार कर रिकॉर्ड समय में श्री केदारनाथ धाम यात्रा को दोबारा शुरू करने के साथ ही केदारघाटी को संवारने के लिए सभी कार्य तेजी से गतिमान है।
जिलाधिकारी ने कहा कि 31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल रेस्क्यू एवं बचाव अभियान के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री खुद पूरे मामले की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे थे वहीं उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर एवं आपदा सचिव को भी इस पर लगातार नजर बनाए रखने एवं निर्बाध तरीके से सभी पुनर्स्थापना एवं निर्माण कार्य करवाने के निर्देश दिए थे। इसी का परिणाम है कि अतिवृष्टि के बाद लगभग 11 हज़ार से अधिक लोगों का सफल रेस्क्यू किया गया।
आपदा से प्रभावित व्यवसारियों के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा साढ़े 9 करोड़ से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई। इसके अलावा पैदल व सड़क मार्गों के सुधारीकरण के लिए लोनिवि की 29 तथा सिंचाई विभाग की 12 कार्य योजनाएं स्वीकृत की गई। जो लगभग 48 करोड़ से अधिक की हैं। यही कारण है कि जहां रिकॉर्ड समय में श्री केदारनाथ धाम सड़क एवं पैदल यात्रा मार्ग दुरुस्त कर खोले गए, वहीं श्रद्धालुओं की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है।
शासन स्तर से जनपद के लिए अनेक घोषणाएं हुई हैं, जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक घोषणाओं पर कार्य भी शुरू कर दिया गया है। जबकि शेष घोषणाएं वित्तीय स्वीकृति हेतु अंतिम चरण में हैं। स्वीकृति मिलते ही उन पर भी यथाशीघ्र कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर केदारनाथ व रुद्रप्रयाग विधानसभा के अंतर्गत विभिन्न मोटर मार्गों को स्वीकृति प्रदान की गई हैं।