बदरीनाथ धाम :बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे हैं । पढ़ें इस धाम से जुड़ी दिलचस्प बातें
भगवान शिव से मांगी शरण-
बद्रीनाथ को शास्त्रों में दूसरे स्वर्ग के रूप में वर्णित किया गया है। पहला धाम वैकुंठ क्षीर सागर है जहां भगवान विष्णु रहते हैं और दूसरा धाम बद्रीनाथ बताया गया है। कहा जाता है कि यह धाम कभी भगवान शिव का निवास था, लेकिन भगवान विष्णु ने भगवान शिव से मांग लिया था।
कैसे पड़ा इस तीर्थ का नाम बद्रीनाथ-
कहा जाता है कि एक बार जब मां लक्ष्मी भगवान विष्णु से नाराज होकर मायके चली गईं तो भगवान विष्णु यहां आकर तपस्या करने लगे। मां लक्ष्मी के कष्ट समाप्त होने के बाद वे भगवान विष्णु की खोज में यहां आई थीं। उस समय यहाँ का बेड-फल (बद्री का वन) था। भगवान विष्णु बद्री के वन में तपस्या करने के लिए बैठे थे, इसलिए मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु का नाम बद्रीनाथ रख दिया।
दो पहाड़ों के बीच स्थित है बद्रीनाथ-
बद्रीनाथ धाम दो पहाड़ों के बीच स्थित है। इन पर्वतों को नर नारायण पर्वत कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु के अंश नर और नारायण ने यहां आकर तप्स्या की थी । नर ने अपने अगले जन्म में अर्जुन और नारायण ने श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया।
मंदिर में जलाए जाने वाले दीपक का विशेष महत्व-
बद्रीनाथ के कपाट खुलने पर मंदिर में जलाए जाने वाले दीपक का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि 6 महीने तक बंद कपाट के अंदर देवता इस दीपक को जलाए रखते हैं।
यह लेख धार्मिक विश्वास पर आधारित है और केवल जनहित को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।