आखिर आप भी सोचते होंगे गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय क्यों है? बेहद रोचक है इसके पीछे की कहानी
19 सितंबर से गणेश महोत्सव शुरू हो गया है। इस दौरान गणेश जी को उनकी पसंदीदा वस्तुएं दी जाती हैं। गणपति की सबसे प्रिय मिठाई मोदक भी इनमें शामिल हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि मोदक का भोग गणेशजी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए लगाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी को मोदक मोदक से सबसे अधिक प्यार क्यों है?
गणेश उत्सव के दौरान भक्त उन्हें मोदक बनाकर प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं। 19 सितंबर से शुरू हुआ महापर्व गणेश चतुर्थी पूरे देश में भव्य रूप से मनाया जाता है। अनंत चतुदर्शी के दिन इस दस दिवसीय महोत्सन का समापन होगा। इस दौरान घर में गणपति की स्थापना बहुत श्रद्धा से की जाती है। और उन्हें उनकी पसंदीदा वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं। इनमें गणेशजी के प्रिय मोदक भी शामिल हैं।
ज्योतिष शास्त्र कहता है कि गणेश जी को जल्द प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए मोदक खाना चाहिए। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मोदक कैसे गणेशजी की प्रिय मिठाई बन गई? इसके पीछे शास्त्रों में बहुत रोचक कहानी है। आइए जानते हैं इस कहानी।
मां पार्वती ने पहली बार बनाया था गणेश जी के लिए मोदक
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, गणेश उत्सव पर पूजा करते समय भगवान गणपति को मोदक का भोग लगाना अनिवार्य है। माना जाता है कि ये उनके सबसे प्रिय खाने में से एक है। बता दें कि एक बार भगवान भोले और मां पार्वती एकांतवास में चले गए थे. इस दौरान उन्होंने भगवान गणेश को किसी को भी अंदर ना आने देने का निर्देश दिया था.
भगवान विष्णु वहां पर परशुराम के रूप में आए। परशुराम शिव के शिष्य थे। गणेश ने भगवान विष्णु से कहा कि वह भगवान शिव को देखना चाहते हैं। पर बप्पा ने भगवान विष्णु को रोक दिया क्योंकि भगवान भोले ने गणेश को किसी को अंदर नहीं आने देना का आदेश दिया था । इसके बाद वह गुस्सा आया और फिर दोनों में युद्ध हुआ।
इस दौरान भगवान विष्णु ने महादेव से प्राप्त शस्त्र परशु का उपयोग करते हुए गणपति पर हमला किया, जिसे गणपति ने सम्मान करते हुए अपने दांतों पर लिया। शस्त्र के उनके दांत पर टकराने से उनका एक दांत टूट गया। युद्ध समाप्त हो गया जब दोनों ने अपनी गलती समझी। पर गणपति भगवान को एक दांत की वजह से खाना खाना मुश्किल था।
उस समय, उनकी स्थिति देखकर मां पार्वती ने उनके लिए खास पकवान बनाए। भगवान गणेश को मोदक बहुत पसंद आया। यह भगवान गणेश को मोदक प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाने लगा क्योंकि यह खाने में बहुत मीठा और स्वादिष्ट था।