15 अक्टूबर, 2023 - मां शैलपुत्री (पहला दिन)
मां शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूप में पहले स्वरूप में जानी जाती हैं। नवरात्रि का पहला दिन इन्हीं को समर्पित होता है।
पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम "शैलपुत्री" पड़ा।
इनका वाहन ऋषभ है, जिसके कारण "वृषारूढ़ा" के नाम से भी जाना जाता है।
वृषभ-स्थिता इन माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएँ हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है।
पौराणिक कथा के अनुसार, पूर्व जन्म में मां शैलपुत्री का नाम सती
था वे शिवजी की पत्नी थीं।
मां शैलपुत्री का विवाह भी शिवजी से ही हुआ। इस जन्म में भी वे शिवजी की ही अर्द्धांगिनी बनीं।
इस वर्ष शारदीय नवरात्र पंचाग के अनुसार 15 अक्टूबर, रविवार से शुरू हो रही है।
मां शैलपुत्री को समर्पित श्लोक
वन्दे वंछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम् | वृषारूढाम् शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ||